अयोध्या। हमारे देश भारत में आजादी के बाद पहली बार किसी महिला को फांसी दी जानी है। यदि शबनम को फांसी दी जाती है तो यह पहला मामला होगा की आजाद भारत में किसी महिला को फांसी दी जा रही हो। उत्तर प्रदेश के अमरोहा के बाबनखेड़ी गांव की शबनम को अपने ही परिवार के सात लोगों की बेरहमी से हत्या के अपराध में फांसी की सजा दी गई है।
शबनम ने 14-15 अप्रैल 2008 की रात को अपने प्रेमी के साथ मिलकर इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया। वह जुलाई 2019 से रामपुर की जेल में बंद है। प्रेमी से शादी करने के लिए अपने ही परिवार के सात लोगों को बेरहमी से मौत के घाट उतारने वाली शबनम की फांसी रोकने के लिए पहली मांग अयोध्या से उठी है।
तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने राष्ट्रपति से अपील की है कि वे शबनम की फांसी की सजा को माफ कर दें। उन्होंने कहा कि एक महिला को फांसी दिए जाने से देश को दुर्भाग्य और आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है।