नेपाल के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल (Nepal's Newly Elected President Ramchandra Paudel) सोमवार को शपथ ले ली है। नेपाल के राष्ट्रपति सचिवालय (Nepal President's Secretariat) ने बताया कि राष्ट्रपति भवन में उन्हें नेपाल के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश शपथ दिलाई। उनका मुकाबला सीपीएन-यूएमएल के सुभाष चंद्र नेम्बवांग से था।
नई दिल्ली। नेपाल के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल (Nepal’s Newly Elected President Ramchandra Paudel) सोमवार को शपथ ले ली है। नेपाल के राष्ट्रपति सचिवालय (Nepal President’s Secretariat) ने बताया कि राष्ट्रपति भवन में उन्हें नेपाल के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश शपथ दिलाई। उनका मुकाबला सीपीएन-यूएमएल के सुभाष चंद्र नेम्बवांग से था। चुनाव में रामचंद्र पौडेल (Ramchandra Paudel) को 33,802 मत मिले थे। आयोग ने बताया, नेपाली संसद (Nepali Parliament) में अयोजित चुनाव में संघीय संसद (Federal Parliament) के 313 सदस्य शामिल हुए।
पौडेल ऐसे समय राष्ट्रपति बने हैं। जब नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता लगतारा बढ़ रही है और प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ (Prime Minister Pushpa Kamal Dahal ‘Prachanda’) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार लगातार कमजोर हो रही है। पौडेल आठ दलों के गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार थे। इनमें नेपाली कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल- माओइस्ट सेंटर (सीपीएन- माओइस्ट सेंटर) शामिल है। पौडेल को संसद के 214 सदस्यों और प्रांतीय विधानसभाओं के 352 सदस्यों का समर्थन मिला।
वर्ष 2008 में देश को गणतंत्र घोषित किए जाने के बाद यह तीसरा राष्ट्रपति चुनाव था। नेपाल की निवर्तमान राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी (Outgoing President of Nepal Bidya Devi Bhandari) का कार्यकाल एक दिन पहले ही समाप्त हो चुका है।
कौन हैं राम चंद्र पौडेल?
पौडेल का जन्म 14 अक्टूबर 1944 को बाहुनपोखरी में एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में हुआ था। वह 16 साल की उम्र में ही वह राजनीति से जुड़ गए थे। वह वर्ष 1970 में नेपाली कांग्रेस की छात्र इकाई नेपाल स्टुडेंट्स यूनियन के संस्थापक सदस्य बने। पौडेल वर्ष 1980 में नेपाली कांग्रेस (प्रतिबंधित) तन्हुं जिला समिति के उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए। वर्ष 1987 में उन्हें पदोन्नति मिली और पार्टी की केंद्रीय कार्य समिति में जगह दी गई। इसी साल उन्हें पार्टी प्रचार समिति का सदस्य बनाया गया। वर्ष 2005 में पौडेल पार्टी के महासचिव बने, वर्ष 2007 में वह पार्टी के उपाध्यक्ष बनाए गए। उन्होंने वर्ष 2015 में कार्यवाहक राष्ट्रपति की भूमिका भी निभाई।
उन्होंने वर्ष 1985 में हुए सत्याग्रह में सक्रिय भूमिका निभाई। पौडेल ने वर्ष 1990 में पहले जन आंदोलन और वर्ष 2006 में जन आंदोलन के दूसरे हिस्से में भी अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अधिनायकवादी पंचायत शासन के खिलाफ लड़ने के दौरान 12 साल जेल में बिताए। पौडेल पहली बार वर्ष 1991 में तन्हुं जिले से प्रतिनिधि सभा के सदस्य निर्वाचित हुए और तब से लगातार छह बार इसी जिले से संसद के लिए चुने गए।