अमेरिका के सबसे पुराने सहयोगी देश फ्रांस ने अप्रत्याशित रूप से गुस्सा जताते हुए अमेरिका से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है। दरअसल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने नया हिंद-प्रशांत सुरक्षा गठबंधन ऑकस (AUKUS) बनाने में फ्रांस को छोड़ दिया है।
पेरिस: अमेरिका के सबसे पुराने सहयोगी देश फ्रांस ने अप्रत्याशित रूप से गुस्सा जताते हुए अमेरिका से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है। दरअसल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने नया हिंद-प्रशांत सुरक्षा गठबंधन ऑकस (AUKUS) बनाने में फ्रांस को छोड़ दिया है। खबरों के अनुसर,फ्रांस के विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह पहली बार है जब उसने अमेरिका से अपने राजदूत को वापस बुलाया है। उसने ऑस्ट्रेलिया से भी अपने राजदूत को वापस बुलाया है। फ्रांसीसी विदेश मंत्री ज्यां इव लि द्रीयां ने एक लिखित बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों के अनुरोध पर लिया गया यह फैसला ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका द्वारा की गई ‘घोषणा की असाधारण गंभीरता को देखते हुए न्यायोचित’ है।
मीडिया रिपोर्ट अनुसार,अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने नए त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन ‘ऑकस’ की घोषणा की है। दरअसल, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के बीच डीजल पनडुब्बियों के निर्माण के लिए करीब 100 अरब डॉलर का सौदा हुआ था। नई ऑकस पहल की शर्तों के तहत ऑस्ट्रेलिया के लिए डीजल पनडुब्बियों के निर्माण का यह सौदा समाप्त हो जाएगा, जिससे फ्रांस नाखुश है।
इस बीच ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस द्वारा अपने राजदूत को वापस बुलाए जाने पर शनिवार को खेद जताया। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मारिस पायने के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘अटैक क्लास परियोजना पर फैसले के बाद विचार विमर्श के लिए ऑस्ट्रेलिया से अपने राजदूत को वापस बुलाने के फ्रांस के निर्णय पर हम खेद जताते हैं।’ बयान में कहा गया है, ‘ऑस्ट्रेलिया अपने फैसले को लेकर फ्रांस की गहरी निराशा को समझता है। हमने यह फैसला अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को देखते हुए लिया है।’ इसमें कहा गया है कि फ्रांस के साथ अपने रिश्ते को आस्ट्रेलिया अहमियत देता है और भविष्य में एक साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करता है।