नई दिल्ली: बीते रविवार को उत्तराखंड के चमोली में ग्लेसियर फटने से बड़ी आपदा का सामना करना पड़ा। जिसके बाद से अब तक रहत बचाव करी जारी है।लेकिन इस समस्या का के बाद से दिल्ली मे पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।
खबरों की माने तो उत्तराखंड में आपदा के चलते गंग नहर में हद से ज्यादा मलबा, गाद, कीचड़, लकड़ी की राख और पौधों के टुकड़े आदि आ रहे हैं, जिसके चलते दिल्ली जल बोर्ड के सोनिया विहार और भागीरथी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट अपनी क्षमता से नीचे काम कर रहे हैं।
साथ ही साथ इसी वजह से दक्षिण दिल्ली, पूर्वी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली के कुछ हिस्सों में पानी की सप्लाई प्रभावित हो सकती है। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा के मुताबिक ‘पर्याप्त संख्या में पानी के टैंकर आदि तैनात किए जा रहे हैं और पानी का मैलापन कम करने के लिए भी कोशिश जारी हैं।’
Turbidity is the measure of relative clarity of a liquid. Turbidity is measured in Nephelometric Turbidity Units (NTU).
High turbidity can be caused by debris, silt, mud, algae, plant pieces, melting glaciers, sawdust, wood ashes or chemicals in the water. (3/3)— Raghav Chadha (@raghav_chadha) February 14, 2021
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राघव चड्ढा ने एक ट्वीट कर लोगों से अपील कीउन्होंने कहा, ‘हम नागरिकों से पानी ध्यान से इस्तेमाल करने की अपील कर रहे हैं। उचित संख्या में वॉटर टैंकों को लगाया जा रहा है।’ बता दें कि पिछले रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ के पास ग्लेशियर टूटने से अचानक आए फ्लैश फ्लड में अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं अब तक कम से कम 166 लोग लापता चल रहे हैं।