लखनऊ। जो लोग अपनी पुस्तैनी जमीनों पर रह रहे थे लेकिन उनके पास कोइ भी दस्तावेज मौजूद नहीं होते थे। जिनके कारण लोगों को रोजाना किसी न किसी से विवाद करना पड़ता था। इसे लेकर आए दिन बवाल होते थे। इस समस्या से कई लोग पीड़ित है। ऐसे होने वाले विवादों को का जड़ से निपटारा करने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार ने स्वामित्व योजना को लांच किया है।
ये योजना उन लोगों के लिए है जिनके पास पुस्तैनी जमीनों पर मकान तो थे, लेकिन उसका मालिकाना हक नहीं था, नतीजतन आए दिन लोगों को उत्पीड़न और विवाद झेलना पड़ता था। अब ऐसा नहीं होगा। सरकार इस योजना के तहत उन सभी लोगों को मालिकाना हक उस जमीन पर दे देगी। उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वामित्व योजना को ग्राम्य सशक्तीकरण की दिशा में बड़ी क्रांति कहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि घरौनी मात्र भूमि का मालिकाना हक दिलाने वाला सरकारी कागज नहीं, बल्कि यह गांव के लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाने, आत्मसम्मान का बोध कराने और आत्मनिर्भरता की राह दिखाने का माध्यम है। स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों को अपने ग्राम के आबादी क्षेत्र में स्थित अपनी सम्पतियों के प्रमाणित दस्तावेज प्राप्त हो रहे हैं। यह विवाद और भ्रष्टाचार को खत्म करेंगे ही, जरूरत पड़ने पर बेझिझक इन दस्तावेजों के आधार पर बैंक से सहजतापूर्वक ऋण भी लिया जा सकेगा।
इस ऋण के जरिए ग्रामीण अपना कोई उद्यम भी लगा सकते हैं। इस तरह यह स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ाने का भी जरिया बनेगा। इस दौरान उन्होंने डिजिटल खसरा का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पूर्व के 21 स्तम्भों के ऑफलाइन खसरे के स्थान पर अब 46 स्तम्भों के नए और पूर्णत ऑनलाइन डिजिटल खसरे जारी होने का काम व्यापक जनमहत्व का है।
इस ऑनलाइन खसरा में गाटा, फसल एवं सिंचाई के साधन, दैवीय आपदा एवं कृषि अपशिष्ट निस्तारण, वृक्ष, गैर कृषि भूमि, लीज, दो फसली क्षेत्रफल व अकृषित भूमि तथा विशेष विवरण अंकित किया जाएगा।