हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार कुछ ऐसे मुहूर्त आते है जिनमें को शुभ कार्य नहीं होते है। इन मुहूर्त में शास्त्रों के अनुसार, शुभ कार्य करने की मनाही होती है। प्रत्येक माह का अलग अलग पंचक होता है।
Panchak 2022: हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार कुछ ऐसे मुहूर्त आते है जिनमें को शुभ कार्य नहीं होते है। इन मुहूर्त में शास्त्रों के अनुसार, शुभ कार्य करने की मनाही होती है। प्रत्येक माह का अलग अलग पंचक होता है। ग्रह नक्षत्रों की चाल जब किसी विशेष स्थिति में होती है तब पंचक का निर्माण होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार साल का दूसरा पंचक 2 फरवरी 2022, बुधवार से लगने जा रहा है। इस दिन माघ मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा रहेगी। इस पंचक का समापन 6 फरवरी 2022, रविवार के दिन हो रहा है।
मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार जब चंद्रमा का गोचर धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती में होता है तो पंचक लगता है। वहीं जब चंद्रमा का गोचर कुंभ और मीन राशि में होता है, तो भी ‘पंचक’ की स्थिति बनती है। पंचक को ‘भदवा’ के नाम से जाना जाता है।
पंचक आरम्भ- 2 फरवरी 2022, बुधवार को प्रात: 06 बजकर 45 मिनट से।
पंचक का अंत- 6 फरवरी 2022, रविवार को शाम 05 बजकर 10 मिनट पर।