हिंदू धर्म व्रत, उपवास, यज्ञ, दान,का विशेष महत्व है। सदियों से मान्यता चली आ रही है कि व्रत, उपवास करने से इसका प्रभाव हमारे जीवन में दिखाई पड़ता है। धर्माचार्यों के अनुसार का व्रत, उपवास करने से आयु में वृद्धि, निरोगी काया, वैभव जैसे महत्वपूर्ण विषय हमारे जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।
नई दिल्ली। हिंदू धर्म व्रत, उपवास, यज्ञ, दान,का विशेष महत्व है। सदियों से मान्यता चली आ रही है कि व्रत, उपवास करने से इसका प्रभाव हमारे जीवन में दिखाई पड़ता है। धर्माचार्यों के अनुसार का व्रत, उपवास करने से आयु में वृद्धि, निरोगी काया, वैभव जैसे महत्वपूर्ण विषय हमारे जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।
इसी तरह हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का ख़ास महत्व है। हर महीने की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि के दिन एकादशी का व्रत किया जाता है। इस तरह से साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। होलिका दहन और चैत्र नवरात्रि के बीच जो एकादशी आती है उसे पापमोचिनी एकादशी कहा जाता है। विक्रम संवत वर्ष के अनुसार यह साल की अंतिम एकादशी भी होती है।
पापमोचनी एकादशी को बहुत ही पुण्यतिथि माना जाता है। पुराण ग्रंथों में तो यहां तक कहा गया है कि यदि मनुष्य जाने-अनजाने में किये गये अपने पापों का प्रायश्चित करना चाहता है तो उसके लिये पापमोचनी एकादशी ही सबसे बेहतर दिन होता है। इस साल 2021 में पापमोचनी एकादशी ग्रेगोरियन पंचांग के अनुसार 07 अप्रैल को है।
पापमोचनी एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त
भगवान विष्णु को प्रणाम करने के बाद व्रत का लें संकल्प
पूजा विधि पापमोचनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें। स्नान करके पूजा घर में जाएं और भगवान विष्णु को प्रणाम करने के बाद व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करें। इस दिन भगवान को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करने चाहिए। इसके बाद 11 पीले फूल और 11 पीली मिठाइयां भगवान को अर्पित कर दें। भगवान विष्णु को पीला चंदन अर्पित कर उन्हें हल्दी में रंगा हुआ यज्ञोपवीत चढ़ाना चाहिए। इसके बाद आसन पर बैठकर भगवान विष्णु के मंत्रों और नाम का जाप करना चाहिए।
सभी पाप नष्ट हो जाते हैं
पापमोचनी एकादशी के बारे में ऐसी मान्यता है कि इससे जातक के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं अर्जुन को पापमोचिनी एकादशी के बारे में बताया था। इस दिन सच्चे मन से व्रत करने और पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु की आराधना करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।