Parker Solar Probe Captured Solar Storm: अमेरिकी अन्तरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने सोलर मिशन पार्कर सोलर प्रोब को लेकर एक वीडियो साझा किया है। यह वीडियो में पार्कर सोलर प्रोब (Parker Solar Probe) के कैमरे में रिकॉर्ड हुई है। जिसमें देखा जा सकता है कि इस अंतरिक्षयान के कैमरे के सामने से कोरोनल मास इजेक्शन (Coronal Mass Ejection - CME) निकल रहा है और उसकी रगड़ से निकलने वाली आवाज आवाज सुनाई पड़ रही है।
Parker Solar Probe Captured Solar Storm: अमेरिकी अन्तरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने सोलर मिशन पार्कर सोलर प्रोब को लेकर एक वीडियो साझा किया है। यह वीडियो में पार्कर सोलर प्रोब (Parker Solar Probe) के कैमरे में रिकॉर्ड हुई है। जिसमें देखा जा सकता है कि इस अंतरिक्षयान के कैमरे के सामने से कोरोनल मास इजेक्शन (Coronal Mass Ejection – CME) निकल रहा है और उसकी रगड़ से निकलने वाली आवाज आवाज सुनाई पड़ रही है।
दरअसल, कोरोनल मास इजेक्शन (Coronal Mass Ejection), सूर्य के वायुमंडल से निकलने वाले अति गर्म प्लाज्मा के भयानक विस्फोट से पैदा होती है। अगर यह धरती तक पहुंच जाए, तो रेडियो ब्लैकआउट कर सकती है। इनसे सैटेलाइट्स नष्ट हो सकती हैं। यही नहीं बिजली के ग्रिड उड़ा सकती हैं। या उन्हें बंद कर सकती हैं। इस घटना पर नासा ने कहा कि पार्कर सोलर प्रोब से जो कोरोनल मास इजेक्शन टकराई है, वो अब तक के सबसे ताकतवर सौर तूफानों में से एक रही है। अगर आप इसका वीडियो देखेंगे तो 14 सेकेंड के बाद सौर तूफान से पार्कर सोलर प्रोब टकराता है। उस समय प्रोब सौर लहर से दाहिनी दिशा में जा रहा है।
Another first! Our Parker Solar Probe flew through an eruption from the Sun, and saw it “vacuuming up” space dust left over from the formation of the solar system. It’s giving @NASASun scientists a better look at space weather and its potential effects on Earth.… pic.twitter.com/AcwLXOlI6m
— NASA (@NASA) September 18, 2023
इस सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि पार्कर सोलर प्रोब (Parker Solar Probe) इस सौर लहर में खुद को सुरक्षित बचा ले गया। साथ ही उसने फोटो ली और वीडियो भी बनाया। इतने नजदीक से ली गई यह सौर तूफान की पहली तस्वीर या वीडियो है। जॉन्स हॉपकिंस एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी (Johns Hopkins Applied Physics Laboratory) के अनुसार कोरोनल मास इजेक्शन कई बार इतने ताकतवर मैग्नेटिक फील्ड पैदा करती हैं, जो अरबों टन प्लाज्मा छोड़ती हैं। इनमें से कई 96.56 से 3057.75 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से चलती हैं।