कोरोना महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए सीबीएसई और सीआईएससीई बोर्ड के 12वीं की परीक्षा रद्द करने की मांग तेज हो गई है। इस परीक्षा को रद्द करने के लिए शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में 12वीं की परीक्षा रद्द करने के लिए केंद्र सरकार, सीबीएसई और सीआईएससीई को निर्देश देने की मांग की गई है।
नई दिल्ली। कोरोना महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए सीबीएसई और सीआईएससीई बोर्ड के 12वीं की परीक्षा रद्द करने की मांग तेज हो गई है। इस परीक्षा को रद्द करने के लिए शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में 12वीं की परीक्षा रद्द करने के लिए केंद्र सरकार, सीबीएसई और सीआईएससीई को निर्देश देने की मांग की गई है। इसमें सुप्रीम कोर्ट से सीबीएसई और सीआईएससीई द्वारा 14, 16 और 19 अप्रैल 2021 को जारी उन अधिसूचनाओं को रद्द करने का निर्देश देने का अग्रह किया गया है, जिसमें 12वीं कक्षा की परीक्षा स्थगित करने की बात कही गई थी।
यह याचिका अधिवक्ता ममता शर्मा की ओर से दायर की गई है। इसमें अदालत द्वारा सीबीएसई बोर्ड को 12वीं के छात्रों के मूल्यांकन की एक ऑब्जेक्टिव कार्यप्रणाली बनाकर तय समय सीमा के भीतर रिजल्ट जारी करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है। याचिका के अनुसार, परीक्षा को अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित करना 12वीं के मासूम छात्रों के साथ सौतेली मांग के जैसा और मनमाना व्यवहार है। यह अमानवीय है।
रिजल्ट में देरी होने पर छात्र नहीं ले पाएंगे एडमिशन
याचिका में 12वीं के रिजल्ट में देरी होने के कारण कई विदेशी विश्वविद्यालयों में छात्रों के एडमिशन लेने के अवसर खत्म होने की बात भी कही गई है। कहा गया है कि देश में कोरोना महामारी के कारण परीक्षा का ऑनलाइन या ऑफलाइन आयोजन आगामी हफ्तों में भी संभव नहीं है। याचिका में यह भी कहा गया है कि परीक्षा और फिर रिजल्ट में देरी के कारण छात्रों को कम से कम एक सेमेस्टर का नुकसान हो सकता है, क्योंकि जब तक फाइनल रिजल्ट नहीं आ जाता तब तक एडमिशन भी कन्फर्म नहीं होंगे।