शमी के पौधे को भगवान शिव का सबसे प्रिय माना जाता है। शमी का पौधा जहां होता है वहां भगवान् शिव का वास होता है और शनि की बुरी दृष्टि नहीं पड़ती है।
Shami plant: शमी के पौधे को भगवान शिव का सबसे प्रिय माना जाता है। शमी का पौधा जहां होता है वहां भगवान् शिव का वास होता है और शनि की बुरी दृष्टि नहीं पड़ती है। पौधे को घर में लगाने से न सिर्फ सुख-समृद्धि आती है बल्कि पैसे की तंगी भी दूर हो जाती है। शमी का पौधा लगाने से शनि के प्रकोप से भी बचा जा सकता है। यह पौधा आपके घर की कलह को भी खत्म कर सकता है। वास्तु के अनुसार इसे घर में लगाने से सुख-समृद्धि आती है साथ ही पैसे की तंगी दूर होती है। धार्मिक मान्यता है कि इस पौधे को लगाने से शनि साढ़े साती और ढैय्या के बुरे असर से बचा जा सकता है।
भगवान को शमी -पत्र अर्पित करते समय निम्नलिखित श्लोक बोला जाता है
अमंगलानाम् शमनीम् शमनीम् दुष्कृतानाम् च।
दुःस्वप्न-नाशिनीं धन्यां प्रपद्येSहं शमीं शुभाम्।।
शमी का पौधा कभी भी घर के भीतर नहीं लगाना चाहिए। इसे हमेशा घर के मुख्य दरवाजे पर लगाएं और ऐसी दिशा में हो जो घर से निकलते हुए आपके दाएं तरफ पड़े। मतलब पौधे को मेन गेट के बाएं ओर लगाना शुभ होता है। इस पवित्र पौधे को कभी भी घर के भीतर नहीं लगाना चाहिए। इसे हमेशा घर के मुख्य दरवाजे पर लगाएं और ऐसी दिशा में हो जो घर से निकलते हुए आपके दाएं तरफ पड़े। पौधे को मेन गेट के बाएं ओर लगाना शुभ होता है। शमी की लकड़ी का उपयोग हवन में भी समिधा की तरह किया जाता है। हवन में डाले जाने वाली लकड़ियों को समिधा कहते हैं।
आयुर्वेद में भी शमी के वृक्ष का काफी महत्व बताया गया है। मान्यता अनुसार बुधवार के दिन गणेश जी को शमी के पत्ते अर्पित करने से तीक्ष्ण बुद्धि होती है। इसके साथ ही कलह का नाश होता है।