बिहार में सियासी उलटफेर के बाद अब प्रदेश का पारा और बढ़ने लगा है। नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने के बाद विपक्षी पार्टियों की तरफ से हमले भी तेज हो गए हैं। इस बीच नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बड़ा फैसला लिया है। एनडीए सरकार अब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और आजेडी के पूर्व मंत्रियों के फैसलों की समीक्षा करेगी।
पटना। बिहार में सियासी उलटफेर के बाद अब प्रदेश का पारा और बढ़ने लगा है। नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने के बाद विपक्षी पार्टियों की तरफ से हमले भी तेज हो गए हैं। इस बीच नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बड़ा फैसला लिया है। एनडीए सरकार अब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और आजेडी के पूर्व मंत्रियों के फैसलों की समीक्षा करेगी। तेजस्वी के अलावा पूर्व मंत्री रामानंद यादव एवं ललित यादव के मंत्री रहते किए गए कार्यों और उनके विभागीय निर्णयों की समीक्षा होगी।
बताया जा रहा है कि, समीक्षा के दायरे में पिछले 10 माह के छह विभाग स्वास्थ्य विभाग, पथ परिवहन विभाग, नगर विकास व आवास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्य शामिल हैं। कैबिनेट विभाग ने इन विभागों के प्रधान को इसके कार्यान्वयन का टास्क सौंपा है। वहीं, मौजूदा समय में ये विभाग डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के पास है। पिछले महीने शपथ लेने के बाद सम्राट चौधरी ने कहा कि आरजेडी के पास रहे सभी विभागों की समीक्षा की जाएगी। एनडीए सरकार भ्रष्टाचार पर नकेल कसेगी। अगर अतीत में कुछ गलत हुआ है तो उसे सुधारा जाएगा।
28 जनवरी को नीतीश ने छोड़ दिया था राजद का साथ
बता दें कि 10 अगस्त 2022 में बनी जदयू, राजद, कांग्रेस और वामदलों की महागठबंधन सरकार में अकेले राजद के कोटे से 16 जबकि कांग्रेस के कोटे से दो मंत्री थे। 28 जनवरी 2024 तक महागठबंधन की सरकार चली। अब सरकार ने तीन मंत्रियों और उनके विभागों के काम और निर्णयों की समीक्षा का निर्णय लिया है। महागठबंधन सरकार से अलग होने के बाद विधानसभा में नीतीश कुमार ने सरकार के शक्ति परीक्षण के दौरान कहा था कि उन्हें जानकारी मिल रही थी कि कई विभागों के कामकाज में गड़बड़ की जा रही थी। उन्होंने विधानसभा में एलान किया था कि यदि आवश्यकता पड़ी तो संबंधित विभागों के काम की जांच पड़ताल कराई जाएगी।