HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. देश
  3. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना के नाम पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की लगी मुहर

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना के नाम पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की लगी मुहर

देश के अगले मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इनके नाम पर अपनी मुहर लगा दी है। बता दें कि मौजूदा मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना के नाम की सिफारिश की थी। 

By शिव मौर्या 
Updated Date

नई दिल्ली। देश के अगले मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इनके नाम पर अपनी मुहर लगा दी है। बता दें कि मौजूदा मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना के नाम की सिफारिश की थी।

पढ़ें :- देश के युवा कारोबारी रोहन मीरचंदानी की 42 साल की उम्र में हार्ट अटैक से मौत, एपिगैमिया के थे सह संस्थापक

सीजेआई एसए बोबडे 23 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। 24 अप्रैल को न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना अगले सीजेआई के तौर पर शपथ लेंगे। बता दें कि न्यायमूर्ति नाथुलापति वेंकट रमन्ना को साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। हालांकि उनके कार्यकाल में दो साल से भी कम का वक्त बचा है क्योंकि जस्टिस रमन्ना 26 अगस्त 2022 को रिटायर होने वाले हैं।

 

एनवी रमन्ना का जन्म 27 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश के कृष्ण जिले के पोन्नवरम गांव में एक कृषि परिवार में हुआ था। न्यायमूर्ति रमन्ना ने दस फरवरी 1983 में वकालत शुरू कर दी थी। न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं और उन्होंने विज्ञान और वकालत में स्नातक किया है। 27 जून 2000 को जस्टिस रमन्ना आंध प्रदेश हाईकोर्ट के स्थायी जज के तौर पर नियुक्त हुए।

 

पढ़ें :- पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के काफिले के साथ बड़ा हादसा, बाइक सवार को बचाने में पलटी बुलेरो

इसके बाद न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना साल 2013 में 13 मार्च से लेकर 20 मई तक आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस रहे। इसके बाद दो सितंबर 2013 को न्यायमूर्ति रमन्ना का प्रमोशन हुआ और इसके बाद वो दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए।

इसके बाद 17 फरवरी 2014 को न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना सुप्रीम कोर्ट के जज बने। फिलहाल न्यायमू्र्ति एनवी रमन्ना सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जजों की फेहरिस्त में आते हैं और सीजेआई एसए बोबडे  के बाद दूसरे नंबर पर आते हैं। पिछले कुछ सालों में न्यायमूर्ति का सबसे चर्चित फैसला जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट की बहाली का था।

 

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...