कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को सोशल मीडिया पर ‘कहानी’ शेयर कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिये बगैर जरिये तंज कसा है। उन्होंने लिखा है कि किसी ने मुझे एक कहानी लिख कर भेजी है। सोचा आप सब के साथ शेयर कर लूं। एक जहाज तूफान में फंसा हुआ था। कई लोग सबकी आंखों के सामने तूफान में डूब गए। कई लोगों के डूब जाने का खतरा था।
लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को सोशल मीडिया पर ‘कहानी’ शेयर कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिये बगैर जरिये तंज कसा है। उन्होंने लिखा है कि किसी ने मुझे एक कहानी लिख कर भेजी है। सोचा आप सब के साथ शेयर कर लूं। एक जहाज तूफान में फंसा हुआ था। कई लोग सबकी आंखों के सामने तूफान में डूब गए। कई लोगों के डूब जाने का खतरा था।
जहाज में बैठे लोग, जहाज के छोटे-बड़े कर्मी सब जहाज को डूबने से बचाने में लगे थे। बहुत ही भयावह स्थिति थी फिर भी लोग साथ देकर एक दूसरे की हिम्मत बढ़ाते रहे। सबको ये भरोसा था कि जहाज का कैप्टन भी जहाज को बचाने का भरसक प्रयास कर रहा होगा। जब स्थिति ज्यादा बिगड़ने लगी तो लोगों ने जहाज के कैप्टन से अपील की। लेकिन लोग हतप्रभ रह गए जब उन्हें पता चला कि जहाज का कैप्टन तो गायब है। तमाम चीख-पुकारों, अपीलों को वो अनसुना करते हुए जिम्मेदारी की कुर्सी से उठकर कहीं चला गया था।
मगर लोग, छोटे-बड़े कर्मियों ने आशा नहीं छोड़ी। वे बचाव कार्य में लगे रहे। कई लोगों ने अपने साथी खो दिए, कई लोगों के सामने उनके अपने डूब गए। बहुत ही मार्मिक दृश्य था। मालूम करने पर पता चला कि जहाज के कैप्टन को पहले से जानकारी थी कि मौसम विपरीत होगा, जहाज डूब भी सकता है। लेकिन जहाज के कैप्टन ने न तो लोगों को समय पर आगाह किया, न ही लोगों की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम और न ही जहाज का सुरक्षा कवच बढ़ाया और तो और जहाज के कैप्टन ने लोगों की सुरक्षा से जुड़ी कई आवश्यक चीजें दूसरे जहाजों को दे दीं।
लंबे समय तक ये मार्मिक दृश्य चलता रहा। लोगों एवं कर्मियों की मेहनत के बाद स्थिति कुछ नियंत्रण में आई। स्थिति नियंत्रण में आने के थोड़ी ही देर बाद अचानक कैप्टन की आवाज जहाज भर में गूंज उठी, एक के बाद एक लाऊडस्पीकर पर उसकी घोषणाएं आने लगीं, एक दिन तो उसकी आवाज़ अटकी और वह रोने भी लगा। जहाज पर फँसे हुए लोग अभी भी त्रस्त थे, कैप्टन की आवाज उन्हें सुनाई तो दे रही थी मगर कुछ दूर, कुछ अलग सी लगने लगी थी। एक दूसरे की मदद में सब व्यस्त थे, जाने अभी भी बचानी थीं। सबका ध्यान इन्हीं कार्यों में लगा हुआ था, किसी को पता तक नहीं लगा कि कैप्टन चुपचाप से बाहर आकर फिर से अपनी सीट पर बैठ गया था।
बता दें कि उत्तर प्रदेश की प्रभारी श्रीमती वाड्रा कोराेना प्रबंधन को लेकर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार और राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर बराबर हमले करती रही हैं। हालांकि यूपी समेत समूचे देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की जा रही है। श्री मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कोरोना के कारण हुयी मौतों को दुखद बताते हुये पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की थी। इस दौरान प्रधानमंत्री बेहद भावुक हो गये थे।