केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Kerala Chief Minister Pinarayi Vijayan) ने बुधवार को विधानसभा ने राज्य का नाम आधिकारिक रूप से बदलकर ‘केरलम’ (Keralam) करने का केंद्र से आग्रह करने संबंधी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
नई दिल्ली। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Kerala Chief Minister Pinarayi Vijayan) ने बुधवार को विधानसभा ने राज्य का नाम आधिकारिक रूप से बदलकर ‘केरलम’ (Keralam) करने का केंद्र से आग्रह करने संबंधी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
सभी भाषाओं में राज्य का नाम बदलने का आग्रह
बता दें, यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Chief Minister Pinarayi Vijayan) ने पेश करते हुए केंद्र सरकार (Central Government) से भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची (Eighth Schedule of the Constitution of India) में शामिल सभी भाषाओं में राज्य का नाम बदलकर ‘केरलम’ (Keralam) करने का आग्रह किया।
यूडीएफ ने किया स्वीकार
इस प्रस्ताव को कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (UDF ) ने किसी संशोधन या बदलाव का सुझाव दिए बगैर स्वीकार कर लिया। इसके बाद, अध्यक्ष ए एन शमसीर ने हाथ उठाकर दिए गए समर्थन के आधार पर इसे विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव घोषित किया।
मलयालम में कहा जाता केरलम
मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि राज्य को मलयालम में ‘केरलम’ (Keralam) कहा जाता है, लेकिन अन्य भाषाओं में यह अब भी केरल (Kerala) ही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम (National Freedom Struggle) के समय से ही मलयालम भाषी समुदायों (Malayalam Speaking Communities) के लिए एकजुट केरल बनाने की आवश्यकता मजबूती से उभरी है। विजयन ने कहा कि संविधान की पहली अनुसूची में हमारे राज्य का नाम केरल लिखा हुआ है।