देश की आजादी के बाद से अब तक पंजाब में कुल तीन हिंदू CM बने हैं। गोपी चंद भार्गव (Gopi Chand Bhargava) पंजाब (Punjab) के पहले हिंदू सीएम बने थे। हालांकि, हरियाणा के अलग होने के बाद से यहां पर कोई हिंदू सीएम नहीं बना है। पंजाब में तीनों हिंदू सीएम कांग्रेस के दिग्गज नेता थे। अब उम्मीद की जा रही है कि राज्य के विभाजन के बाद यहां पहला हिंदू मुख्यमंत्री मिल जाएगा।
नई दिल्ली। पंजाब (Punjab) में कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) के इस्तीफे के बाद नए मुख्यमंत्री की तलाश तेज हो गयी है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि प्रदेश को हिंदू सीएम मिल सकता है। हालांकि, अभी अंबिका सोनी, सुनील जाखड़ समेत कई नामों को लेकर कांग्रेस (Congress) हाईकामन चर्चा कर रहा है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में अगर कांग्रेस हिंदू को सीएम बनाती है तो आने वाले चुनाव में उसे बड़ा फायदा पहुंचेगा। ऐसे में आईए हम आपको बताते हैं कि प्रदेश में कितने हिंदू सीएम अभी तक बने हैं….
देश की आजादी के बाद से अब तक पंजाब में कुल तीन हिंदू CM बने हैं। गोपी चंद भार्गव (Gopi Chand Bhargava) पंजाब (Punjab) के पहले हिंदू सीएम बने थे। हालांकि, हरियाणा के अलग होने के बाद से यहां पर कोई हिंदू सीएम नहीं बना है। पंजाब में तीनों हिंदू सीएम कांग्रेस के दिग्गज नेता थे। अब उम्मीद की जा रही है कि राज्य के विभाजन के बाद यहां पहला हिंदू मुख्यमंत्री मिल जाएगा।
पंजाब के ये थे तीन हिंदू मुख्यमंत्री…
गोपी चंद भार्गव (Gopi Chand Bhargava)
पंजाब का पहला हिंदू मुख्यमंत्री कांग्रेस नेता गोपी चंद भार्गव (Gopi Chand Bhargava) थे। आजादी के बाद 1947 से उन्होंने पद संभाला और 1949 तक वो मुख्यंत्री रहे। इसके बाद वो 1949 से 1951 तक फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी। साथ ही 1964 में कांग्रेस ने उन्हें एक थोड़े समय के लिए फिर से मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी थी।
भीम सेन सच्चर (Bhim Sen Sachar)
पंजाब के दूसरे हिंदू मुख्यमंत्री के रूप में भीम सेन सच्चर (Bhim Sen Sachar) का नाम लिया जाता है। वो गोपाल चंद भार्गव के हटने के बाद 1949 में सात महीने के लिए ये पद संभाला था। इसके बाद वो अप्रैल 1952 से जुलाई 1953 तक सीएम रहे। आखिरी बार वो 31 महीने के लिए जुलाई 1953 से लेकर जनवरी 1956 (31 महीने) तक मुख्यमंत्री रहे थे।
राम किशन (RAM Kishan)
अभी तक पंजाब के तीसरे और आखिरी हिंदू सीएम के रूप में राम किशन (RAM Kishan) का नाम लिया जाता है। वो जुलाई 1964 से लेकर जुलाई 1966 तक सीएम का पद संभाला था। इसके बाद हरियाणा के विभाजन के बाद विधानसभा भंग हो गया था। लिहाजा, उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।