पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू के सामने कई चुनौती है। बताया जा रहा है कि सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का खेमा हाईकमान के इस फैसले को लेकर खुश नहीं है। ऐसे में उनका सभी नेताओं के साथ तालमेल बैठाना बढ़ी चुनौती होगी।
नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू के सामने कई चुनौती है। बताया जा रहा है कि सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का खेमा हाईकमान के इस फैसले को लेकर खुश नहीं है। ऐसे में उनका सभी नेताओं के साथ तालमेल बैठाना बढ़ी चुनौती होगी।
वहीं, मंगलवार को सिद्धू लुधियान के पास खटकड़ कलां पहुंचे और शहीद भगत सिंह के स्मारक पर माथा टेका। वहीं, सिद्धू के इस दौरे की भनक किसानों को लगते ही वह विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। इसके साथ ही सिद्धू को काले झंडे दिखाए गए। वहीं, इस दौरान मौजूद पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं रूके।
इसको देखते हुए पुलिस प्रशास ने सिद्धू और किसानों के बीच बातचीत करवाने की योजना बनाई लेकिन स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने अपना ये फैसला वापस ले लिया।
गौरतलब है कि, बीते कई दिनों से सिद्धू और कैप्टन में सियासी जंग छिड़ी हुई थी। इन सबके बीच कांग्रेस हाईकमान ने सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे दी। इससे पहले कांग्रेस पंजाब के अध्यक्ष सुनील जाखड़ हुआ करते थे। प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद सिद्धू ने कहा कि, वह कांग्रेस को मजबूत करने का काम करते रहेंगे।