कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वेरिएंट घातक के साथ ही साथ अधिक सक्रिय भी है। घातक वायरस के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटाने का प्रयास वैज्ञानिकों द्वारा किया जा रहा है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वेरिएंट घातक के साथ ही साथ अधिक सक्रिय भी है। घातक वायरस के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटाने का प्रयास वैज्ञानिकों द्वारा किया जा रहा है। विश्व के कई देशों के साथ् भारत में भी वायरस का यह नया वेरिएं डेल्टा प्लस वेरिएंट अपना पांव पसार रहा है।
त्रिपुरा से शुक्रवार को पुष्टि की कि पश्चिम बंगाल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 151 सैंपल्स में से 90 से ज्यादा सैंपल्स पॉजिटिव पाए गए हैं। इन सभी सैंपल्स में डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि हुई है, जिससे कोविड-19 की तीसरी लहर आने की आशंका और ज्यादा बढ़ गई है। राज्य के मेडिकल एक्सपर्ट्स ने इस बारे में जानकारी दी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, त्रिपुरा में कोविड -19 के एक नोडल अधिकारी डॉ. दीप देव वर्मा ने शुक्रवार को कहा, “त्रिपुरा ने पश्चिम बंगाल में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए 151 आरटी-पीसीआर सैंपल्स भेजे थे। इनमें से 90 से अधिक सैंपल्स डेल्टा प्लस वेरिएंट के लिए पॉजिटिव पाए गए,” उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 174 जिलों में SARS-CoV-2 कोरोनावायरस के ‘चिंता के प्रकार’ पाए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इनमें से सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और गुजरात से हैं।
सबसे पहले उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और देवरिया से डेल्टा प्लस कोविड -19 वेरिएंट के दो मामले दर्ज किए. गोरखपुर में रहने वाली 23 साल की एमबीबीएस छात्रा के अंदर डेल्टा प्लस वेरिएंट मिला है।