केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) के तरफ से यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व रक्षामंत्री समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) को मरणोपरांत पद्मविभूषण (Padma Vibhushan) सम्मान दिए जाने का ऐलान किया है। इस ऐलान पर मृत कारसेवकों की बहन ने तीखी आपत्ति जताई है।
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) के तरफ से यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व रक्षामंत्री समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) को मरणोपरांत पद्मविभूषण (Padma Vibhushan) सम्मान दिए जाने का ऐलान किया है। इस ऐलान पर मृत कारसेवकों की बहन ने तीखी आपत्ति जताई है। अयोध्या में बाबरी ढांचा के ढ़हाये जाने के दौरान पुलिस की गोली से मारे गये कोलकाता के कारसेवक बंधुओं रामकुमार कोठारी और शरद कोठारी की बहन पूर्णिमा कोठारी (Purnima Kothari ) ने केंद्र सरकार के इस निर्णय पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार हत्यारों को पद्मविभूषण (Padma Vibhushan) दे रही है, तो क्या अब कारसेवकों को आतंकवादी घोषित करेगी?
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— Purnima Kothari (@PurnimaKothari2) January 27, 2023
क्या अब कारसेवकों को आतंकी घोषित करेगी सरकार: पूर्णिमा कोठारी
बता दें कि कोलकाता के कोठारी बंधु के नाम से प्रसिद्ध रामकुमार कोठारी (22) और शरद कोठारी (20) की साल 1990 में कारसेवा के दौरान पुलिस की गोली से मौत हो गई थी। एक साथ दो भाईयों की मौत से पूरा समाज हिल गया था।
बंगाल भाजपा की महिला मोर्चा की कोषाध्यक्ष, राम एवं शरद कोठारी स्मृति संघ की संरक्षक और मृत कारसेवकों की बहन पूर्णिमा कोठारी (Purnima Kothari ) ने एक न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार हत्यारों को पद्मविभूषण दे रही है, तो क्या अब कारसेवकों को आतंकवादी घोषित कर किया जाएगा? कारसेवकों पर गोली चलाने वालों को कोई सजा नहीं मिली। उनको कोई इंसाफ नहीं मिला और अब उनके हत्यारों को पद्मविभूषण दिया जा रहा है। क्या कोई मरने से पद्मविभूषण के लायक हो जाता है? कई क्रिमनल मर चुके हैं। उन सभी को पद्मविभूषण देना चाहिए। उनकी उपलब्धि क्या है? मुलायम सिंह की उपलब्धि क्या है? उनकी एक मात्र उपलब्धि है कि उन्होंने रामसेवकों पर गोली चलाई थी। इस कारण उन्हें पद्मविभूषण दिया जा रहा है। इस पर हमें घोर आपत्ति है। सरकार से इस निर्णय से राम भक्तों की भावनाओं को बहुत बड़ी ठेस पहुंची है।
साल 1990 में कारसेवा के दौरान कोठारी बंधुओं की हुई थी मौत
पूर्णिमा कोठारी बताती हैं कि मेरे भाई रामकुमार कोठारी और शरद कोठारी साल 1990 में राम कारसेवा में अयोध्या गये थे। 30 अगस्त को बाबरी ढांचे पर ध्वज छोटे भाई ने फहराया था। उस दिन उन दोनों वहां निकल गये थे। 2 नवंबर सांकेतिक कार सेवा के दौरान राम नाम कीर्तन करते हुए वे निकले थे। उनके हाथ में कोई झंडा नहीं था और न ही कोई लाठी-डंडा ही था। निहथे कार सेवकों पर मुलायम की बर्बर पुलिस ने गोली चलाई थी। उन्हें एक गोली चलाने पर शांति नहीं मिली थी। छह-सात गोली मारी गई थी। मेरे बड़े भाई के सिर पर गोली मारी गई थी। बर्बरता की हद कर दी गई थी। उन पर अत्याचार किया गया था। उन्होंने कहा था कि यदि और राम कारसेवकों मरवाना पड़ता था, तो वह करते, लेकिन उन्हें केंद्र सरकार पद्मविभूषण दे रही है। यह किस आधार पर दिया जा रहा है।
कोठारी बंधुओं को श्रद्धांजलि देने उनके घर गईं हैं हस्तियां
उन्होंने कहा कि उनके घर लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, अशोक सिंघल , आरएसएस प्रमुख सुदर्शन और मोहन भागवत जैसी हस्तियां आयी हैं और उनके भाई को श्रद्धांजलि दी हैं। भाजपा की इस सरकार को हिंदुओं का समर्थन है। 100 करोड़ लोग मोदी सरकार के साथ हैं। योगी को वोट देकर विजयी बनाया है, तो फिर चंद यादव वोट के लिए सरकार ऐसा फैसला कैसे सकती है? उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्हें भाजपा में रहते हुए भी विरोध करना पड़ा, तो वह करेंगी।