संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) का विभिन्न मांगो को लेकर चल रहा धरना शनिवार दोपहर तीन बजे डीएम को ज्ञापन देने के बाद खत्म हो गया। इसके साथ ही किसानों की रवानगी शुरू हो गई। मंच से संबोधित करते हुए राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि धरना खत्म हुआ है, आंदोलन नहीं। जब तक मंत्री अजय मिश्र टेनी (Minister Ajay Mishra Teni) की बर्खास्तगी नहीं हो जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
लखीमपुर खीरी। संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) का विभिन्न मांगो को लेकर चल रहा धरना शनिवार दोपहर तीन बजे डीएम को ज्ञापन देने के बाद खत्म हो गया। इसके साथ ही किसानों की रवानगी शुरू हो गई। मंच से संबोधित करते हुए राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि धरना खत्म हुआ है, आंदोलन नहीं। जब तक मंत्री अजय मिश्र टेनी (Minister Ajay Mishra Teni) की बर्खास्तगी नहीं हो जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) की अगली बैठक छह सितंबर को दिल्ली में होगी।
टिकैत ने बताया की समझौता हुआ था कि मारे गए किसानों के परिजनों को सरकारी नौकरी के साथ ही मुआवजा व घायलों को भी मुआवजा की बात थी। इसके अलावा किसानों पर दर्ज मुकदमे की वापसी की बात कही गई थी, लेकिन 11 महीने बीतने के बाद कुछ नहीं हुआ।
वार्ता के बाद टिकैत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रशासन ने सीएम से बात करवाने को लेकर असमर्थता जताई है। साथ ही यह भी कहा कि तिकुनिया हिंसा (Tikunia Violence) के बाद किसानों और सरकार के बीच जो समझौता हुआ था, उसकी पूर्ति करने में वह सक्षम नहीं हैं। अधिकारियों ने अपने ऊपर के अधिकारियों से इस मामले में बात कराने के लिए आश्वासन दिया है।
भाकियू की प्रमुख मांगें-
लखीमपुर खीरी जिला (Lakhimpur Kheri District) के तिकुनियां में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या करने की साजश रचने के मामले में मंत्री अजय मिश्र टेनी (Minister Ajay Mishra Teni) को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए और गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए।
लखीमपुर खीरी हत्याकांड (Lakhimpur Kheri massacre) में ‘निर्दोष होते हुए भी’ जेल में बंद किसानों को तुरंत रिहा किया जाए और उनके ऊपर लगे केस तुरंत वापस लिए जाएं।
सभी फसलों के ऊपर स्वामीनाथन कमीशन (Swaminathan Commission) के द्वारा सी-2 +50% के फार्मूले से एमएसपी की गारंटी (MSP Guarantee) । एमएसपी पर गारंटी वाला कानून (Guarantee Act on MSP) केंद्र सरकार द्वारा बनाया जाए।
किसान आंदोलन (Peasant Movement)के दौरान केंद्र शासित प्रदेशों व अन्य राज्यों में जो केस किसानों के ऊपर लाद दिए गए थे वो तुरंत वापस लिए जाएं।
बिजली बिल-2022 (Electricity Bill-2022) वापस लिया जाए।
भारत के सभी किसानों का एकमुश्त कर्ज मुक्त किया जाए।