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Rat Massacre: पहली बार हुआ चूहे का पोस्टमार्टम, खुला मौत का राज

बदायूं जिले से कुछ दिन पहलेएक हैरान करने वाली खबर सामने आईं थी, जिसको सुनकर सभी चौंक गए थे। यह खबर मीडिया तक की सुर्खियों में भी छा गई थी. अब इस चर्चित 'चूहा हत्याकांड' (Rat Massacre) मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें नया खुलासा हुआ है. 

By आराधना शर्मा 
Updated Date

Rat Massacre: बदायूं जिले से कुछ दिन पहलेएक हैरान करने वाली खबर सामने आईं थी, जिसको सुनकर सभी चौंक गए थे। यह खबर मीडिया तक की सुर्खियों में भी छा गई थी. अब इस चर्चित ‘चूहा हत्याकांड’ (Rat Massacre) मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें नया खुलासा हुआ है.

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दरअसल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि चूहे की मौत नाली के पानी में डूबने से नहीं हुई. बल्कि दम घुटने की वजह से हुई है. आपको बता दें कि चूहे का पोस्टमार्टम बरेली (Post Mortem Bareilly) के आईवीआरआई में वैज्ञानिकों द्वारा किया गया था.

जिसमें बताया गया कि चूहे के फेफड़े और लीवर पहले की ही काफी खराब थे, जिसकी वजह से चूहे का ज्यादा समय तक जिंदा रह पाना नामुमकिन था. आईवीआरआई के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ केपी सिंह (Dr KP Singh) ने बताया कि चूहे के फेफड़े और लीवर में नैक्रोटिक आया था.

उसकी हिस्टोपैथोलॉजी और माइक्रोस्कॉपी जांच (Histopathology and Microscopy Investigations) में नली में पानी या गंदगी का अवशेष नहीं मिले. लेकिन लंग की इंक्लाइंड फटी हुई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पशु प्रेमी विकेंद्र शर्मा (Animal lover Vikendra Sharma) 25 नवंबर की दोपहर गांधी ग्राउंड चौराहे के पास से गुजर रहे थे. तभी उन्हें मनोज कुमार नाम का शख्स चूहे की पूंछ में पत्थक बांधकर नाले में डुबाते हुए दिखाई दिया.

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जिसका उन्होंने वीडियो बना लिया था. इसके बाद विकेंद्र चूहे को बचाने के लिए नाले में कूद गए और चूहे को बाहर निकाला.  तब तक चूहे की मौत हो चुकी थी. इसके बाद विकेंद्र ने इस मामले की शिकाय सदर कोतवाली में दर्ज कराई.

इसके बाद सदर कोतवाली पुलिस ने चूहे के शव को सील किया और बदायूं के पशु चिकित्सालय में भेज दिया. लेकिन वहां संसाधनों का अभाव बताते हुए पोस्टमार्टम करने से इनकार कर दिया गया. इसके बाद बरेली के आईवीआरआई में चूहे के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया. आपको बता दें कि चूहे का पोस्टमॉर्टम होने का यह पहला मामला है. आईवीआरआई के जांइट डायरेक्टर डॉ केपी सिंह ने बताया कि दो वैज्ञानिक की टीम जिसमें डॉ अशोक कुमार और डॉ पवन कुमार ने पोस्टमॉर्टम किया.

 

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