जिले के नीवां मोहल्ले में एक शिव मंदिर में मूर्ति स्थापना को लेकर सोमवार को दो पक्षों के बीच विवाद हो गया। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। जिसके बाद विवाद की जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए मूर्ति स्थापना पर रोक लगा दी।
प्रयागराज। जिले के नीवां मोहल्ले में एक शिव मंदिर (Shiv Temple) में मूर्ति स्थापना (statue installation) को लेकर सोमवार को दो पक्षों के बीच विवाद हो गया। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। जिसके बाद विवाद की जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस (Police) ने किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए मूर्ति स्थापना पर रोक लगा दी। फिलहाल डीएम (DM) ने मामले की जांच के बाद मूर्ति स्थापित करने को लेकर फैसला लेने की बात कही है।
जानकारी के मुताबिक नीवां मोहल्ले में गंगा कछार के निकट ग्राम समाज की जमीन पर पूर्व बसपा विधायक राजू पाल स्मारक (Former BSP MLA Raju Pal Memorial) स्थल के करीब ही एक शिवमंदिर है। इस मंदिर का गांव के लोगों के सहयोग से जीर्णोद्वार कराया गया। वहीं, मंदिर में मूर्ति स्थापना लेकर सोमवार को तैयारी चल रही थी। इस दौरान मंदिर के पास स्थित गैस का गोदाम के मालिक अनिल सिंह की पत्नी जया सिंह ने मंदिर की मूर्ति और नाम बदलने का आरोप लगा दिया। जिसके बाद विवाद शुरू हो गया।
इसके बाद थोड़ी देर में विधायक पूजा पाल (MLA Pooja Pal) और दूसरे पक्ष के लोग भी मौके पर पहुंचे और हंगामा शुरू हो गया। विधायक पूजा पाल की तरफ से भी मंदिर के जीर्णोद्वार में सहयोग किया गया है। विवाद को लेकर सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची धूमनगंज पुलिस ने विवाद बढ़ने और हंगामे की आशंका को देखते हुए मूर्ति स्थापना को रुकवा दिया। पूजा पाल का कहना था कि कुछ लोग मूर्ति स्थापना में विवाद पैदा कर रहे हैं। इस मामले में डीएम से मिलकर उन्हें पूरे प्रकरण की जानकारी दी है।
इस मामले में इंस्पेक्टर धूमनगंज राजेश कुमार मौर्या (Inspector Dhumanganj Rajesh Kumar Maurya) का कहना है कि मंदिर के पास फोर्स तैनात की गई है। उच्चाधिकारियों के आदेश का पालन किया जाएगा। एसडीएम सदर अभिषेक सिंह ने कहा कि दोनों पक्षों को आपसी बातचीत कर विवाद को सुलझाने को कहा गया है। फिलहाल अभी अगले आदेश तक यथास्थिति कायम रखने के निर्देश दिए गए हैं।
दूसरी तरफ विहिप के काशी प्रांत अध्यक्ष कविंद्र प्रताप सिंह (VHP’s Kashi Province President Kavinder Pratap Singh) ने प्रशासन से मंदिर के स्थापनाकाल के नाम को परिवर्तित न करने और वर्षों से पूजित हो रही भगवान के विग्रह को न हटाने की मांग की है।