सड़क हादसों से बचने के लिए आटों कंपनियां अपनी कारों में कई सेफ्टी फीचर्स देती है। लेकिन यूजर्स कार यात्रा के दौरान सावधानियों को नजरंदाज करते है।
Rear Seat Belt : सड़क हादसों से बचने के लिए आटों कंपनियां अपनी कारों में कई सेफ्टी फीचर्स देती है। लेकिन यूजर्स कार यात्रा के दौरान सावधानियों को नजरंदाज करते है। प्रख्यात कारोबारी शख्सियत,टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की हाल ही में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। इसके बाद बाद कारों फिर से रियर सीट बेल्ट के इस्तेमाल की मांग उठने लगी है।
महाराष्ट्र पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार, मिस्त्री मर्सिडीज.बेंज की पिछली सीट पर बैठे थे और उन्होंने सीट बेल्ट नहीं पहनी हुई थी। दुर्घटना में उनके साथ उनके सह.यात्री की मृत्यु हो गई। जबकि सीट बेल्ट पहने आगे की सीट पर बैठे दोनों लोग सुरक्षित हैं और गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने कार की यात्रा में पीछे की सीट बेल्ट पहनने के महत्व के बारे में बात करने के लिए प्रेरित किया है।
भारत सरकार के केंद्रीय मोटर वाहन नियम के अनुसार पीछे की सीट पर सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य हैए लेकिन इस नियम के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। ऐसा नहीं करने वालों को 1000 रुपये का यातायात जुर्माना हो सकता है।
आनिवार्य है सीटबेल्ट
केंद्रीय मोटर वाहन नियम (1989) की धारा 138 (3) में कहा गया है कि जिस कार में नियम 125 या नियम 125 के उप-नियम (1) या उप-नियम (1-ए) के तहत सीटबेल्ट प्रदान किया गया है, उस कार में चालक और आगे की सीट पर बैठे व्यक्ति को सीट बेल्ट लगाना जरूरी है। इलके अलावा 5 सीटर कारों में पीछने बैठने वाले यात्रियों को सीट बेल्ट लगाना जरूरी है। साथ ही ऐसी 7 सीटर कार जिसमें पीछे बैठे यात्रियों का फेस सामने की तरफ है, उसमें चलते समय सीट बेल्ट लगाना जरूरी है।
पीछे की सीट बेल्ट का महत्व
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पीछे की सीट-बेल्ट के उपयोग से पिछली सीट पर मृत्यु के जोखिम को 25% तक कम किया जा सकता है। इतना ही नहीं, यह आगे की सीट के यात्री के लिए अतिरिक्त चोट या मौत को भी रोक सकता है क्योंकि पीछे की सीट के यात्री आगे की सीट के यात्रियों पर नहीं चढ़ेंगे।