समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान (Azam Khan) के खिलाफ जिस अधिकारी ने मुकदमा दर्ज कराया था, उसने अदालत में जज के सामने कहा कि उन्होंने जिलाधिकारी के दबाव में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद अब आजम खान (Azam Khan) के लिए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने मोर्चा खोल दिया है।
रामपुर। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान (Azam Khan) के खिलाफ जिस अधिकारी ने मुकदमा दर्ज कराया था, उसने अदालत में जज के सामने कहा कि उन्होंने जिलाधिकारी के दबाव में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कोर्ट ने लिखा कि अगर DM के विरुद्ध अभद्र टिप्पणी की थी तो वे खुद उचित कार्रवाई कर सकते थे, उन्होंने खुद ऐसा न करके अनिल चौहान पर दबाव डालकर ये मुकदमा दर्ज करवाया।
इसके बाद अब आजम खान (Azam Khan) के लिए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने मोर्चा खोल दिया है। समाजवादी पार्टी के पत्र जारी कर कहा है कि 27 फरवरी शनिवार को 3 सांसद और 11 विधायकों का प्रतिनिधि मंडल मुरादाबाद कमिशनर एके सिंह (Moradabad Commissioner AK Singh) से मिलने जाएगा।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) May 26, 2023
पार्टी ने बताया कि 21 नेताओं के डेलेगेशन में 3 सांसद और 11 विधायक शामिल होंगे। बता दें कि समाजवादी पार्टी ने आजम खान (Azam Khan) की जिस केस में विधायकी गई उसी में बरी हो गए हैं। बता दें कि कोर्ट ने अपने ऑर्डर में डीएम पर कड़ी टिप्पणी की है। अब गवाह ने कहा कि डीएम ने दबाव डालकर एफआईआर दर्ज कराई थी। जो अभी कमिश्नर हैं वही रामपुर के तत्कालीन डीएम थे। पार्टी ने बताया कि कमिश्नर से डीएम पर सख्त एक्शन लेने की होगी मांग।
अब इसे लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने यूपी सरकार पर तीखा हमला किया है और बीजेपी (BJP) पर झूठे मुकदमें लगाने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने आजम खान (Azam Khan) की विधानसभा सदस्यता फिर से बहाल करने की भी मांग की।
भाजपा राज में झूठे मुक़दमों का सच बाहर आना शुरू हो गया है। जनता पर दबाव डालकर झूठा मुक़दमा करवानेवाले सत्ता की कठपुतली बने भ्रष्ट अधिकारी को तुरंत दंडित करना चाहिए। इस आधार पर मा. आज़म खान साहब की विधानसभा की सदस्यता की भी तत्काल बहाली हो। कोर्ट सत्ता की संलिप्तता की जाँच करे।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 26, 2023
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आजम खान (Azam Khan) को कोर्ट से मिली राहत के बाद बीजेपी पर झूठे मुकदमे कराने का आरोप लगाया और कहा कि अधिकारियों की मिलीभगत से आजम पर झूठे मुकदमे लगाए गए हैं। उन्होंने ऐसे अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग भी की है। अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा राज में झूठे मुक़दमों का सच बाहर आना शुरू हो गया है। जनता पर दबाव डालकर झूठा मुक़दमा करवानेवाले सत्ता की कठपुतली बने भ्रष्ट अधिकारी को तुरंत दंडित करना चाहिए।
आजम खान की सदस्यता बहाली की मांग
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ट्वीट कर आजम खान (Azam Khan) की विधानसभा की सदस्यता की भी तत्काल बहाली की मांग की और कहा कि कोर्ट इस मामले में सत्ता की संलिप्तता की जांच करे। सपा अध्यक्ष लगातार समाजवादी पार्टी के नेताओं पर फर्जी मुकदमें दर्ज करने का आरोप लगाते रहे हैं. हेट स्पीच मामले में आजम खान को मिली राहत के बाद उनके इस दावे को और भी बल मिल गया है.
बता दें कि आजम खान ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा था। इस दौरान उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन और भड़काऊ भाषण (Hate Speech) देने के कई मामले दर्ज हुए थे। ऐसे ही एक मामले में उन्हें 27 अक्टूबर 2022 को तीन साल की सजा हो गई। इस पर उनकी विधायकी भी चली गई और विधानसभा उपचुनाव में भाजपा नेता आकाश सक्सेना विधायक बन गए। आजम खान (Azam Khan) ने सजा के विरोध में अपील दायर की थी, जिसे स्पेशल जज एमपी एमएलए कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और आजम खां को बरी कर दिया।
इस मामले में अदालत ने रिपोर्ट दर्ज कराने वाले सहायक कृषि रक्षा अधिकारी अनिल कुमार चौहान के बयान भी दर्ज किए। अनिल लोकसभा चुनाव के दौरान वीडियो अवलोकन टीम के प्रभारी थे। उन्होंने आजम खान के भाषण की वीडियो देखने के बाद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अदालत में उन्होंने बयान दिया यह रिपोर्ट उन्होंने डीएम के दबाव में दर्ज कराई थी।
जिलाधिकारी तब आंजनेय कुमार सिंह थे, जो अब मुरादाबाद के मंडलायुक्त हैं। आजम खान ने जहां भाषण दिया था, वहां पर मौजूद नहीं थे। इसी मामले में गवाह सहायक विकास अधिकारी चंद्रपाल सिंह ने भी बयान दिया। उन्होंने यह बात मानी कि आजम खान उनकी पत्नी और बेटे ने लोकसभा चुनाव के दौरान ही जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह की कई शिकायतें की थी इस कारण जिलाधिकारी और आजम खां के बीच विवाद था।
अदालत ने माना कि आजम खान ने जो भाषण दिया, उसमें सत्तापक्ष की आलोचना थी और जिला अधिकारी के कार्य करने के तरीके की आलोचना की गई थी। उससे कोई नफरत नहीं फैली। मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह का कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान रामपुर के जिलाधिकारी थे। जिला निर्वाचन अधिकारी भी थे। उनका दायित्व था कि अगर चुनाव के दौरान गलत भाषणबाजी करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई कराई जाए। उनके आदेश पर ही रिपोर्ट कराई गई थी।