NSE के को-लोकेशन मामले में 6 हजार करोड़ पर रोक हटाई, 5 सालों से सेबी ने रोक लगाई थी. अब इस मामले में 11 जून को सुनवाई की जाएगी
सैट ने इसी हफ्ते एक ऑर्डर जारी किया। ऑर्डर में इसने NSE को इस पैसे का उपयोग करने की मंजूरी दे दी। यह 6 हजार करोड़ एक अकाउंट में लॉक था। इस लॉक का आदेश सेबी ने दिया था। सितंबर 2016 में सेबी ने NSE से कहा था कि वह को-लोकेशन के जरिए हासिल किए गए 6 हजार करोड़ रुपए के रेवेन्यू को एक अलग अकाउंट में जमा कराए। इस फंड को NSE को उपयोग करने पर रोक लगी थी।
बिजनेस के लिए किया जा सकता है पैसे का उपयोग
सैट ने कहा कि जो भी पैसा है, उसका उपयोग NSE अपने बिजनेस के लिए कर सकता है। SAT ने कहा कि वह को-लोकेशन मामले में जून में सुनवाई करेगी। यह मामला 2019 से SAT में लंबित है। SAT ने मार्च 2020 में इस मामले को रिजर्व रखा था और उसके बाद कोरोना शुरू हो गया था। इसकी वजह से ट्रिब्यूनल का फंक्शन रुक गया था। SAT ने कहा कि अब इस मामले की सुनवाई 11 जून को होगी।
31 मार्च 2021 तक यह रकम 6,085 करोड़ रुपए थी। 2019 में सेबी ने NSE के खिलाफ एक ऑर्डर पास किया। इसमें कहा गया कि NSE 625 करोड़ रुपए जमा कराए। इसके खिलाफ भी NSE ने SAT में अपील की है। हालांकि इस पर अभी कोई फैसला नहीं आया है। SAT ने अपनी सुनवाई में कहा कि सेबी के 2016 के आदेश में सुधार की जरूरत है। SAT ने कहा कि जब जांच पूरी हो गई है तो जो अलग से अकाउंट खोला गया था, जिसमें 6 हजार करोड़ रुपए हैं, उसे बंद किया जाना चाहिए।
SAT ने सेबी का ऑर्डर रिजेक्ट किया
पिछले दिनों सुनवाई के दौरान सैट ने सेबी का ऑर्डर रिजेक्ट कर दिया। सैट ने सोमवार को एक 44 पेज का ऑर्डर जारी किया। इसमें उसने कहा कि वित्त मंत्रालय या तो टेक्निकल सदस्य की नियुक्ति करे या नियम बदले। SAT ने इसी ऑर्डर में सेबी की शिकायत भी की है। सैट ने 6 मई को इस पर बहस की थी। 6 मई को सेबी ने सीधे तौर पर कहा था कि जो SAT ट्रिब्यूनल है वह कानूनी तौर पर सही गठित नहीं है। इस पर SAT ने एक लंबा चौड़ा ऑर्डर जारी कर दिया। SAT ने ऑर्डर में कहा है कि रजिस्टर्ड कापी सुप्रीमकोर्ट में भेजी जाए और इसे सेबी के खिलाफ PIL मानी जाए।