कोरोना संक्रमित होने के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर की तबीयत अब तक ठीक नहीं हुई है। थरूर ने बुधवार को अस्पताल के बेड से एक वीडियो संदेश जारी किया है। उन्होंने बताया है कि वह लॉन्ग टाइम कोविड से जूझ रहे हैं। इस वीडियो के जरिए उन्होंने केंद्र सरकार को वैक्सीन पॉलिसी को लेकर सलाह दी है। उन्होंने कहा कि भारत को कोरोना से बचाने के लिए सबको मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध करवाई जाए।
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमित होने के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर की तबीयत अब तक ठीक नहीं हुई है। थरूर ने बुधवार को अस्पताल के बेड से एक वीडियो संदेश जारी किया है। उन्होंने बताया है कि वह लॉन्ग टाइम कोविड से जूझ रहे हैं। इस वीडियो के जरिए उन्होंने केंद्र सरकार को वैक्सीन पॉलिसी को लेकर सलाह दी है। उन्होंने कहा कि भारत को कोरोना से बचाने के लिए सबको मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध करवाई जाए।
केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद थरूर ने दो मिनट लंबे इस वीडियो में कहा कि जैसा की आप देख रहे हैं, मैं बिस्तर पर हूं… लॉन्ग कोविड इन्फेक्शन से जूझ रहा हूं। मैं सबसे सिर्फ यही कहना चाहता हूं कि सरकार ने यह बयान दिया है कि वह दिसंबर तक पूरी आबादी को टीका लगा देगी, जबकि असल में टीके की किल्लत है। मैं हैरान हूं कि सरकार यह लक्ष्य कैसे हासिल करेगी?
My message from my Covid sickbed: #SpeakUpForFreeUniversalVaccination pic.twitter.com/JjKmV5Rk71
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) June 2, 2021
बता दें कि बीते हफ्ते केंद्र मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि भारत का टीकाकरण अभियान सही दिशा में आगे बढ़ रहा है और सरकार की योजना है कि वह देश की व्यस्क आबादी को दिसंबर के अंत तक टीका लगा देगी। थरूर ने यह भी कहा कि वह सभी भारतीयों को मुफ्त टीका दिए जाने को लेकर कांग्रेस के व्यापक अभियान का समर्थन करते हैं।
एक दिन पहले ही ट्रोल हुए हैं थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को वैक्सीन एक्सपोर्ट बैन पर एक ट्वीट किया, जिसके बाद लोगों ने उन्हें बुरी तरह से ट्रोल करना शुरू कर दिया। उन्होंने एक टीवी चैनल की वेबसाइट की रिपोर्ट को ट्वीट कर लिखा कि जब डब्ल्यूएचओ की सीनियर अधिकारी और प्रतिष्ठित भारतीय कहती हैं कि वैक्सीन एक्सपोर्ट करने पर बैन के भारत के फैसले से 91 देशों पर गंभीर प्रभाव पड़ा है तो, जो ‘विश्वगुरु’ होने वाले हैं। तो उन्हें अपना (सरकार) सिर शर्म से लटका देना चाहिए। बता दें कि इस रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि वैक्सीन एक्सपोर्ट पर बैन लगाने के भारत के फैसले का सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के प्रोडक्ट्स पर निर्भर 91 देशों पर गंभीर प्रभाव पड़ा है, जिसमें एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (कोविशील्ड) और आगामी नोवावैक्स शामिल हैं।