सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने अपने कार्यकारी निदेशक के बयान से खुद को अलग कर लिया है। जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार ने उपलब्ध भंडार पर विचार किए बगैर विभिन्न आयु वर्ग के लिए कोविड-19 का टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया है। इस पर एसआईआई ने कहा कि यह कंपनी का विचार नहीं है।
नई दिल्ली। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने अपने कार्यकारी निदेशक के बयान से खुद को अलग कर लिया है। जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार ने उपलब्ध भंडार पर विचार किए बगैर विभिन्न आयु वर्ग के लिए कोविड-19 का टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया है। इस पर एसआईआई ने कहा कि यह कंपनी का विचार नहीं है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को 22 मई को लिखे पत्र में पुणे स्थित एसआईआई में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने स्पष्ट किया कि हाल में एक समारोह में इसके कार्यकारी निदेशक सुरेश जाधव द्वारा दिया गया बयान कंपनी का बयान नहीं है।
कंपनी की ओर से जारी नहीं किया गया बयान
उन्होंने पत्र में कहा कि अपने सीईओ अदार सी. पूनावाला की तरफ से मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि यह बयान एसआईआईपीएल (सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) की तरफ से जारी नहीं किया गया है। इस बयान से कंपनी खुद को अलग करती है। यह बात फिर दोहराई जाती है कि यह कंपनी का विचार बिल्कुल नहीं है।
कोरोना के खिलाफ जंग में सरकार के साथ खड़ी है एसआईआई
उन्होंने कहा कि एसआईआईपीएल कोविशील्ड का उत्पादन बढ़ाने के लिए कृतसंकल्प है। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में वह सरकार के साथ खड़ी है। एसआईआई ने यह भी स्पष्ट किया कि पूनावाला कंपनी की तरफ से एकमात्र आधिकारिक प्रवक्ता हैं।
जानें आखिरकार क्या है पूरा मामला?
देश में कोविड-19 के टीका की कमी के बीच एसआईआई के कार्यकारी निदेशक सुरेश जाधव ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि टीके के उपलब्ध भंडार और डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देश पर विचार किए बगैर सरकार ने विभिन्न आयु वर्ग के लिए टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया है।