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कल्पना चावला के नक्शे कदम पर सिरिशा बांदला, 11 जुलाई को अंतरिक्ष के लिए भरेंगी उड़ान

गगन में उड़ान भरने का हौसला भारत की बेटियों का सपना रहा है। एक बार फिर यह सपना सच होने के वेहद करीब है। भारत की महान बेटियों कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स के बाद एक और भारतवंशी होगी, जो अंतरिक्ष में सैर करने वाली बनेगी।

By अनूप कुमार 
Updated Date

वॉशिंगटन: गगन में उड़ान भरने का हौसला भारत की बेटियों का सपना रहा है। एक बार फिर यह सपना सच होने के वेहद करीब है। भारत की महान बेटियों कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स के बाद एक और भारतवंशी होगी, जो अंतरिक्ष में सैर करने वाली बनेगी सिरिशा बांदला।   सिरिशा बांदला, रिचर्ड ब्रैन्सन की स्पेस कंपनी वर्जिन गैलेक्टिक के अंतरिक्ष यान वर्जिन ऑर्बिट में बैठकर अंतरिक्ष की सैर पर निकलने वाली है। वह तारिख 11 जुलाई होगी जब  मशहूर उद्योगपति रिचर्ड ब्रैन्सन अंतरिक्ष की यात्रा पर रवाना होने वाले हैं और उनके साथ भारत में जन्मी सिरिशा बांदला भी स्पेस जाएंगी।

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिरिशा बांदला, वर्जिन गैलेक्टिक कंपनी में गवर्नमेंट अफेयर्स एंड रिसर्च ऑपरेशन की वॉयस प्रेसीडेंट हैं। बांदला ने महज 6 सालों की नौकरी में ही यह पद हासिल कर लिया, जो एक गर्व की बात है और उनकी काबिलियत को बयां करता है। रिचर्ड ब्रैन्सन की टीम में सिरिशा बांदला के अलावा 4 और लोग शामिल हैं। सिरिशा बांदला के अंतरिक्ष में जाने की खबर सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरफ फैल गई और उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया।

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भारत में जन्मी हैं सिरिशा बांदला सिरिशा बांदला का जन्म आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में हुआ था और वो भारतीय मूल की दूसरी ऐसी महिला हैं, जो अंतरिक्ष के सफर पर रवाना होने वाली हैं। सिरिशा बांदला से पहले कल्पना चावला भी अंतरिक्ष में गईं थीं, लेकिन वापसी के वक्त दुर्भाग्यवश स्पेस शटल कोलंबिया में दुर्घटना का शिकार हो गया था और कल्पना चावला की दर्दनाक मौत हो गई थी। लेकिन, हम सिरिशा बांदला के लिए कामयाबी की प्रार्थना करते हैं और उनकी कामयाबी पर गर्व का इजहार करते हैं। सिरिशा बांदला पर्ड्यू यूनिवर्सिटी से एयरोनॉटिकल/एस्ट्रोनॉटिकल इंजीनियरिंग से ग्रेजुएट हैं।

सिरिशा बांदला से पहले कल्पना चावला ने अंतरिक्ष में अपना कदम रखा था, लेकिन कल्पना चावला से भी पहले अंतरिक्ष में जाने वाले भारतीय के तौर पर राकेश शर्मा को गौरव हासिल है। इन दोनों के अलावा भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स भी अंतरिक्ष में जा चुकी हैं।

सिरिशा बांदला भारत से जुड़ी हुई हैं। तेलुगू एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका यानि टीएएनए से भी जुड़ी हुई हैं, जो उत्तरी अमेरिका का सबसे पुराना और सबसे बड़ा इंडो-अमेरिकन संगठन माना जाता है। कुछ साल पहले ही सिरिशा बांदला को टीएएनए ने यूथ स्टार अवॉर्ड से नवाजा था। इसके साथ ही सिरिशा बांदला को अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी एंड फ्यूचर स्पेस लीडर्स फाउंडेशन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में भी शामिल किया गया है।

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