समाजवादी पार्टी में अब सुभासपा चीफ ओमप्रकाश राजभर का खुलकर विरोध शुरु हो गया है। इसी कड़ी में शनिवार को सपा कार्यकर्ताओं ने वाराणसी में ओमप्रकाश राजभर व उनके बेटे अरविंद राजभर को लेकर एक विवादित पोस्टर जारी किया है।
वाराणसी। समाजवादी पार्टी में अब सुभासपा चीफ ओमप्रकाश राजभर का खुलकर विरोध शुरु हो गया है। इसी कड़ी में शनिवार को सपा कार्यकर्ताओं ने वाराणसी में ओमप्रकाश राजभर व उनके बेटे अरविंद राजभर को लेकर एक विवादित पोस्टर जारी किया है। इस पोस्टर में अखिलेश यादव को एक तरफ जहां बब्बर शेर के रूप में दिखाया गया है, तो दूसरी ओर ओमप्रकाश राजभर को गीदड़ और उनके बेटे अरविंद राजभर को चूहे के रूप में बताया गया है। वाराणसी के बेनियाबाग क्षेत्र में सपा कार्यकर्ताओं ने पोस्टर लगाकर नारेबाजी की। इस मौके पर सपा नेताओं ने ओपी राजभर पर धोखा देने और अवसरवादी राजनीति करने का आरोप लगाया लगाया है।
इस विवादित पोस्टर को शहर के कुछ इलाकों में लगाया गया है। पोस्टर जारी करने वाले समाजवादी पार्टी नेता संदीप मिश्रा का कहना है कि अखिलेश यादव को जब इस बात की जानकारी लगी कि ओमप्रकाश राजभर बीजेपी के एजेंट और कैमरे के रूप में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं, तो उन्होंने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। अखिलेश यादव शेर ए हिंद हैं और उनकी एक दहाड़ से ओमप्रकाश राजभर और उनके बेटे अरविंद राजभर गीदड़ और चूहा बन गए हैं।
समाजवादी पार्टी नेता का कहना है कि ओमप्रकाश राजभर को लगा था कि 2022 के विधानसभा चुनाव में विजयी हासिल कर यूपी में इस बार सपा की सरकार आएगी, जिसके चलते उन्होंने सपा का दामन थामा। जिसे अखिलेश यादव ने स्वीकार भी किया। लेकिन जब सपा की सरकार नहीं आई तो ओमप्रकाश राजभर फिर बीजेपी के घर में घुसने लगे और समाजवादी पार्टी को बुरा भला कहने लगे। इसलिए उन्हें बाहर करने वाले सपा प्रमुख अखिलेश यादव शेर हैं और शेर थे । ऐसे लोग जो उनकी एक दहाड़ से गीदड़ और चूहा बन गए हैं। उनकी जरूरत समाजवादी पार्टी को भी नहीं है । पोस्टर जारी होने के बाद ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर ने कहा है कि ये जनता तय करती है कि कौन शेर है और कौन गीदड़?