Sukhdev Singh Gogamedi Murder Case: मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम के बाद गुरुवार को श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना (Shri Rashtriya Rajput Karni Sena) अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी (Sukhdev Singh Gogamedi) के शव को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। सुखदेव सिंह के परिवार और समाज के लोग पार्थिव देह को लेकर राजपूत सभा भवन पहुंचे, जहां पर बड़ी संख्या में समाज के लोगों ने अंतिम दर्शन किए। इसके बाद श्रद्धांजलि यात्रा यहां से रवाना हुई। श्रद्धांजलि यात्रा के बाद करणी सेना चीफ के निवास स्थल गोगामेड़ी (हनुमानगढ़) में अंतिम संस्कार (Funeral) किया जाएगा।
Sukhdev Singh Gogamedi Murder Case: मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम के बाद गुरुवार को श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना (Shri Rashtriya Rajput Karni Sena) अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी (Sukhdev Singh Gogamedi) के शव को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। सुखदेव सिंह के परिवार और समाज के लोग पार्थिव देह को लेकर राजपूत सभा भवन पहुंचे, जहां पर बड़ी संख्या में समाज के लोगों ने अंतिम दर्शन किए। इसके बाद श्रद्धांजलि यात्रा यहां से रवाना हुई। श्रद्धांजलि यात्रा के बाद करणी सेना चीफ के निवास स्थल गोगामेड़ी (हनुमानगढ़) में अंतिम संस्कार (Funeral) किया जाएगा।
दरअसल, श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना (Shri Rashtriya Rajput Karni Sena) अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी (Sukhdev Singh Gogamedi) की मंगलवार को जयपुर के श्याम नगर इलाके में दो हमलावरों ने घर में घुसकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद से ही आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर गोगामेड़ी के समर्थक मंगलवार रात से ही धरने पर बैठ गए और बुधवार को राजस्थान बंद का पूरे प्रदेश में असर दिखा। इस मामले में आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। लेकिन पुलिस ने मामले में यूएपीए (UAPA) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
इस मामले में दर्ज एफआईआर में राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और डीजीपी का भी जिक्र किया गया है। इन पर सुरक्षा मुहैया कराने में लापरवाही बरतने का आरोप है। यह एफआईआर करणी सेना अध्यक्ष गोगामेड़ी की पत्नी शीला शेखावत ने दर्ज कराई है। एफआईआर में दावा किया गया है कि गोगामेड़ी की सुरक्षा की मांग को लेकर तीन बार- 24 फरवरी, एक मार्च और 25 मार्च को राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पत्र लिखा गया था। लेकिन उन्हें जानबूझकर सुुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई।