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सपा बनी डूबती कश्ती: मुलायम के बेहद करीबी सांसद के BJP में शामिल होने की अटकलें तेज, CM योगी से की मुलाकात

यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) और विधान परिषद चुनाव (Legislative Council Election) में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को करारी शिकस्त मिली है। इस हार के बाद पार्टी के एक-एक कर नेता पार्टी से खुली बगावत पर उतर आए है। इसी बीच पार्टी को बड़ा झटका लगना लगभग तय हैं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

कानपुर। यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) और विधान परिषद चुनाव (Legislative Council Election) में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को करारी शिकस्त मिली है। इस हार के बाद पार्टी के एक-एक कर नेता पार्टी से खुली बगावत पर उतर आए है। इसी बीच पार्टी को बड़ा झटका लगना लगभग तय हैं।

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समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party)  के संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के बेहद करीबी राज्यसभा सांसद और विधान परिषद के अध्यक्ष रहे सुखराम सिंह यादव जल्द ही साइकिल की सवारी छोड़ कमल का झंडा थाम सकते हैं। यूपी के मुख्यमंत्री ने मुलाकात के बाद इस कयास को बहुत बड़ा बल मिला है। मिली जानकारी के अनुसार सुखराम सिंह यादव ने परिजनों के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) से मुलाकात कर एक पुस्तक भी भेंट की। यह पुस्तक उनके पिता हरमोहन सिंह के द्वारा लिखी गई है।

बता दें कि मोहित यादव पहले ही सपा से किनारा कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इसके बाद अब सुखराम सिंह यादव (Sukhram Singh Yadav) की मुलाकात को लेकर भी कई राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। बीते दिनों सपा सांसद सुखराम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav)  ने बेटे मोहित यादव के बीजेपी में शामिल होने को लेकर कोई जवाब नहीं दिया था। जिसके बाद अब सुखराम सिंह यादव (Sukhram Singh Yadav)  की नजदीकियां भी बीजेपी से लगातार बढ़ती जा रही हैं। वहीं हाल ही में अखिलेश यादव की विजय रथ यात्रा से भी सपा सांसद ने दूरी बनाई थी। बता दें कि मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav)  की वजह से ही सुखराम सिंह यादव (Sukhram Singh Yadav)  को वर्ष 2016 में राज्यसभा सांसद के लिए मनोनीत किया गया था।

सुखराम के आने से बीजेपी के वोट बैंक में होगा बड़ा इजाफा

सुखराम सिंह यादव की ओबीसी वोट बैंक पर अच्छी पकड़ मानी जाती है। वह अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। सुखराम सिंह यादव के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी भी ओबीसी और यादव वोट बैंक में अच्छी पकड़ बनाना चाहती है। कानपुर देहात में लगभग सभी सीटों पर ओबीसी वोट बैंक के लोगों की तादात भी काफी अच्छी है। लिहाजा पार्टी में सुखराम सिंह के आने से काफी मजबूती मिलेगी। बीते दिनों प्रसपा के गठन के बाद सुखराम शिवपाल यादव के साथ भी मजबूती से खड़े हुए थे।

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पीएम मोदी से की थी मुलाकात

सुखराम सिंह यादव ने परिवार के साथ हाल ही में पीएम मोदी से भी मुलाकात कर चुके हैं। जिसके बाद अब वह सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए पहुंचे हुए हैं। मोदी-योगी से मुलाकात के बाद राज्यसभा सांसद सुखराम ने आजम खान से भी सहानुभूति जताई है। कहा कि उन्होंने पार्टी के लिए जी-जान लगाया, लेकिन सपा ने साथ नहीं दिया। सुखराम ने एक टीवी चैनल से बातचीत में पीएम मोदी और सीएम योगी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि मेरी पीएम मोदी और सीएम योगी से अलग-अलग मुलाकात हुई है। यह कहने में मुझे कोई संकोच नहीं है। दोनों से मुलाकात में मैंने महसूस किया कि दोनों अभूतपूर्व क्षमता वाले लोग हैं। इनका कोई जोड़ नहीं है।

आजम खान को लेकर किए गए सवाल के जवाब में वरिष्ठ नेता ने कहा कि उनकी नाराजगी जायज है। जिस तरह पार्टी लीडरशिप को उनका साथ देना चाहिए था वह नहीं हुआ। जब कोई व्यक्ति पार्टी के लिए जी-जान लगाता है, लेकिन पार्टी उसका साथ नहीं देती है तो दुख होता है। सुखराम ने अखिलेश यादव को काम करने का तरीका बदलने की नसीहत देते हुए कहा कि पार्टी छोड़ने के लिए में बहुत से लोग समय का इंतजार कर रहे हैं। यदि आपकी यह कार्यशैली रही तो लोग फैसला लेंगे।

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