प्रस्तु्ति में अहिल्याबाई के बचपन से लेकर अंतिम समय तक की कहानी को दिखाया गया। जिसमें बचपन से वो कितनी समझदार, संस्कारी और शिव भक्त थी, जिससे प्रभावित होकर मल्हारराव ने उन्हें अपने पुत्र खंडेराव के लिए पुत्रवधू के रूप में चुना। खंडेराव द्वारा परेशान किये जाने के बावजूद अहिल्या