ईश वेल्फेयर टीम (Ish Welfare Team) , यूपी पुलिस (UP Police) में उपनिरीक्षक जितेन्द्र सिंह और सरिता सिंह के मार्गदर्शन में पूरी टीम के सहयोग से शनिवार 22 अप्रैल को स्नेहल संस्था (Snehal Sanstha) को एक कुन्तल आटा,75 किलो चावल,22 किलो दाल,12 लीटर सरसो का तेल,10 किलो चना, पांच किलो चीनी,6 किलो गुड़, रेवड़ी, पेठा, बिस्किट इत्यादि भेंट कर उस ईश्वर को नमन किया गया। जिन्होंने हमें इस सेवा का अवसर प्रदान किया।
लखनऊ। ईश वेल्फेयर टीम (Ish Welfare Team) , यूपी पुलिस (UP Police) में उपनिरीक्षक जितेन्द्र सिंह और सरिता सिंह के मार्गदर्शन में पूरी टीम के सहयोग से शनिवार 22 अप्रैल को स्नेहल संस्था (Snehal Sanstha) को एक कुन्तल आटा,75 किलो चावल,22 किलो दाल,12 लीटर सरसो का तेल,10 किलो चना, पांच किलो चीनी,6 किलो गुड़, रेवड़ी, पेठा, बिस्किट इत्यादि भेंट कर उस ईश्वर को नमन किया गया। जिन्होंने हमें इस सेवा का अवसर प्रदान किया।
ईश वेलफेयर टीम ने स्नेहल संस्था को भेंट की खाद्य सामग्री
उपनिरीक्षक जितेन्द्र सिंह ने बताया कि स्नेहल संस्था जहां रहती हैं कोई और नहीं,हमारे समाज की, हमारे आपके परिवार की वह बेटियां जिन्हें हमने बड़े लाड़ प्यार से पाला है ,जिनके बदन पे एक खरोंच भी लगती थी न ,तो मां का कलेजा फट जाता था ,पिता के गले से चीखने की आवाज आती थी ,अरे ये क्या हुआ? कैसे हुआ ? फिर होता है जल्दी से कुछ करो ,फिर बोलते अपना ध्यान रखा करो बेटा तुम्हें कुछ हो जाता है तो हम जीते जी…।
ईश वेल्फेयर टीम , यूपी पुलिस में उपनिरीक्षक जितेन्द्र सिंह और सरिता सिंह के मार्गदर्शन में पूरी टीम खाद्य सामग्री भेंट कर ईश्वर को नमन किया। pic.twitter.com/YP7LMRWVck
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— santosh singh (@SantoshGaharwar) April 23, 2023
वहीं कलेजे के टुकड़े ये बेटियां स्नेहल में रहती हैं । इनमें और हममें फर्क बस इतना है कि ये साधारण से कुछ असाधारण हो गयी है। इसमें इनका क्या दोष? परेशान न होइए कुछ ज्यादा दिक्कत इनमें नही है बस दिमाग की कोई एक नस कहीं डिस्टर्ब हो गयी है और सारे अंग तो काम करते ही हैं।लेकिन एक मामूली सी दिमाग की नशों ने भटकाते हुए इन्हें यहां पहुंचा दिया है। शुक्र हो उस ईश्वर का जिन्होंने ऐसे लोगों को इस जमीं पे भेजा जो इन्हें अपनों से ज्यादा प्यार दे रही हैं अपनों से ज्यादा इनकी देख भाल कर रही हैं। यदि आज ये लोग न होते तो इनके साथ क्या क्या वर्ताव होता ? हम आप कल्पना भी नहीं कर पाते। जिनके कलेजे के टुकड़े हैं उन्हें शायद पता भी नहीं होगा हमारी बेटियां कहां है ? किस हाल में हैं? ईश्वर का लाख लाख शुक्र है कि इन स्थानों पर हमें आपको पहुंचाया और इनकी सेवा का अवसर दिया है।
तो कल इन्हीं की सेवा करने ,इन्हीं के दर्शन करने, इनके बीच पहुंच कर इन्हें अपनों का अहसास दिलाने ,इनके बीच घुल मिलकर इनके चेहरे पे खुशी लाने का एक प्रयास हम सब करते आ रहे हैं और कल भी यही सेवा करने का अवसर ईश्वर ने प्रदान किया। इस अवसर पर टीम के बहुत सारे वरिष्ठजन उपस्थित रहे।
श्री सिंह ने कहा कि लोगों से बस इतना कहना चाहता हूं कभी 05 मिनट का समय निकाल कर यहां भी जाएं,इन्हें कुछ ज्यादा नहीं चाहिए इन्हें चाहिए आपका प्यार और दुलार।आपके जाने से इनके चेहरे पे एक खुशी का जाती है एक परिवार का अहसास हो जाता है।