तालिबान क्रूरता की सारी हदें पार करता जा रहा है। मानव की जिंदगियां उसके लिए क्रूरता की प्रयोगशाला बनती जा रही है।
Taliban brutality : तालिबान क्रूरता की सारी हदें पार करता जा रहा है। मानव की जिंदगियां उसके लिए क्रूरता की प्रयोगशाला बनती जा रही है।अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। लोगों का खून बहाना उसके लिए आम बात हो गई है। तालिबानी सजा का एक वीभत्स दृश्य मंगलवार को उस समय दिखा, जब कंधार के अहमद शाही स्टेडियम में भारी भीड़ के सामने चोरी के आरोप में सार्वजनिक रूप से चार लोगों के हाथ काट दिए गए। खबरों के अनुसार, इसके अलावा, विभिन्न अपराधों के लिए फुटबॉल स्टेडियम में नौ लोगों को कोड़े मारे गए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सभी दोषियों को 35-39 बार कोड़े मारे गए।
इस तालिबानी सजा की घटना के समय तालिबान के अधिकारी, धार्मिक मौलवी, बुजुर्ग और स्थानीय लोग स्टेडियम में मौजूद थे। वैश्विक स्तर पर हो रही थू थू के बाद भी तालिबान की आंख नहीं खुल रही है।
तालिबान ने कट्टरपंथियों के सर्वोच्च नेता के एक आदेश के बाद अपराधियों को कोड़े मारना और सार्वजनिक रूप से फांसी देना फिर से शुरू कर दिया है।