लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव प्रचार में आरक्षण के मुद्दे पर जमकर वार पलटवार किए जा रहे हैं। इन सबके बीच राजद प्रमुख लालू यादव का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि, बाबा साहेब के संविधान और जननायक कर्पूरी ठाकुर जी द्वारा दिए गए आरक्षण को खत्म करने की संघ और भाजपाइयों की पुरानी ख्वाहिश और साजिश रही है। सन् 2000 में एनडीए की भाजपाई सरकार ने तो बाजाब्ता “संविधान समीक्षा आयोग” ही गठित कर दिया था।
पटना। लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव प्रचार में आरक्षण के मुद्दे पर जमकर वार पलटवार किए जा रहे हैं। इन सबके बीच राजद प्रमुख लालू यादव का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि, बाबा साहेब के संविधान और जननायक कर्पूरी ठाकुर जी द्वारा दिए गए आरक्षण को खत्म करने की संघ और भाजपाइयों की पुरानी ख्वाहिश और साजिश रही है। सन् 2000 में एनडीए की भाजपाई सरकार ने तो बाजाब्ता “संविधान समीक्षा आयोग” ही गठित कर दिया था।
लालू यादव ने एक पर पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा कि, आरक्षण का आधार धर्म नहीं बल्कि सामाजिक पिछड़ापन होता है। पीएम को इतनी सी भी समझ नहीं है। मंडल कमीशन हमने लागू करवाया है। क्या नरेंद्र मोदी ने कभी मंडल कमीशन और उसकी सिफ़ारिशें पढ़ी है? मंडल कमीशन में 3500 से अधिक पिछड़ी जातियों को आरक्षण मिलता है जिसमें अन्य धर्मों की भी सैंकड़ों जातियों को आरक्षण मिलता है।
उन्होंने आगे लिखा कि, ये हमसे बड़े और असली ओबीसी नहीं ना है? हमसे ज्यादा गरीबों, पिछड़ों और दलितों की इनको समझ नहीं है। ये लोग बस एक-दूसरे को लड़ाते है। बाबा साहेब के संविधान और जननायक कर्पूरी ठाकुर जी द्वारा दिए गए आरक्षण को खत्म करने की संघियों और भाजपाइयों की पुरानी ख्वाहिश और साजिश रही है। सन् 2000 में एनडीए की भाजपाई सरकार ने तो बाजाब्ता “संविधान समीक्षा आयोग” ही गठित कर दिया था। ये लोग संविधान को मानते ही नहीं, अगर संविधान को मानते तो नफ़रत फैलाने वाली विभाजनकारी भाषा का प्रयोग नहीं करते।