आरक्षण को लेकर कुछ लोग मुखर होकर अपनी आवाज को बुलंद कर रहे हैं। इसके विपरित कुछ ऐसा नजारा लखनऊ में देखने को मिला, जहां कुछ युवा अपने सामाज को ओबीसी में शामिल किए जाने की चर्चाओं के बाद विरोध शुरू कर दिए हैं। उनका कहना है कि उनके समाज को जनरल कैटगरी में ही रखा जाए। दरअसल, कायस्थ समाज को ओबीसी में शमिल किए जाने की चर्चाएं तेज हो गयीं हैं।
लखनऊ। आरक्षण को लेकर कुछ लोग मुखर होकर अपनी आवाज को बुलंद कर रहे हैं। इसके विपरित कुछ ऐसा नजारा लखनऊ में देखने को मिला, जहां कुछ युवा अपने सामाज को ओबीसी में शामिल किए जाने की चर्चाओं के बाद विरोध शुरू कर दिए हैं। उनका कहना है कि उनके समाज को जनरल कैटगरी में ही रखा जाए। दरअसल, कायस्थ समाज को ओबीसी में शमिल किए जाने की चर्चाएं तेज हो गयीं हैं।
इसको लेकर रविवार राजधानी लखनऊ में एक संगठन के लोगों ने इसका विरोध किया। इसके साथ ही एक गोष्ठी का आयोजन किया। इसमें उन्होंने कहा कि कायस्था समाज को ओबीसी में न रखा जाए। राजधानी लखनऊ में रत्नेश श्रीवास्तव ने कहा कि उनके समाज को ओबीसी में किए जाने की चर्चा है। रत्नेश ने सीएम योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए कहा कि उनके सामाज को ओबीसी में न किया जाए।
कार्यक्रम का सफल संयोजन लखनऊ में लकी सिन्हा, सौरभ श्रीवास्तव और नोएडा में सुशील श्रीवास्तव और आदित्य सक्सेना ने किया। लकी सिन्हा ने कहा कि जल्द ही कायस्थ समाज को ओबीसी में रखने के प्रस्ताव का प्रतिरोध अब सोशल मीडिया और धरातल दोनो जगह तेज होगा। नोएडा में हुए कार्यक्रम में कायस्थ खबर के प्रबंध संपादक आशु भटनागर ने कहा कि सरकार का कायस्थों को ओबीसी आरक्षण में रखने की सोच समाज को गढ्ढे में गेरेने जैसा है और हम सरकार के इस फैसले से सहमत नहीं हैं। कायस्थ समाज भाजपा का परंपरागत वोटर है इसलिए सरकार अपने वोट को नाराज ना करें।