सर्दियों के समय खराब हवा में सांस लेना मुश्किल हो जाता है, जिससे कई लोगों को सामान्य से ज्यादा खांसी, गले में जलन, सिरदर्द या सीने में भारीपन महसूस होता है। ऐसे में दमघोंटू हवा से खुद को बचाने के लिए लोग अक्सर मास्क और एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, सिर्फ इनका इस्तेमाल काफी नहीं है। अपने फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए अपने खानपान का ख्याल रखना भी जरूरी है। इसलिए आपकी किचन में मौजूद कुछ मसाले काम के साबित हो सकते हैं। आज हम आपको जो बताएँगे उससे आप को काफी आराम मिलेगा।
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हल्दी
यह भारतीय किचन में इस्तेमाल होने वाला एक लोकप्रिय मसाला है। अपने अनोखे रंग और स्वाद के अलावा यह धार्मिक दृष्टि से भी काफी खास मानी जाती है। इतना ही नहीं यह सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो प्रदूषित हवा से होने वाली जलन को शांत करने में मदद करते हैं। साथ ही हल्दी कंजेशन को कम करके दूषित हवा से होने वाली परेशानियों से लड़ने में मदद करती है।
अदरक
सर्दी के मौसम में अदरक वाली चाय सिर्फ स्वाद में ही बढ़िया नहीं होती, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है। दरअसल, अदरक की तासीर गर्म होती है और इसलिए यह स्मॉग के कारण होने वाली गले में खराश या सीने में भारीपन से राहत दिलाता है। इसमे में मौजूद पोषक तत्व एयरवेज की सूजन कम करने, बलगम को साफ करने और लगातार खांसी से राहत दिलाने में मदद करता है।
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तुलसी के पत्ते
तुलसी के पत्तों का काफी धार्मिक महत्व होता है। इसके अलावा यह सेहत के लिए भी काफी लाभकारी मानी जाती है। इनकी मदद से सांस लेने में तकलीफ की समस्या दूर होती है और यह स्मॉग के मौसम में काफी फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और डिटॉक्सिफिकेशन गुण गले की खराश से राहत दिलाने और सीने के दर्द से आराम पहुंचाने में मदद करते हैं।
काली मिर्च
काली मिर्च बंद नाक को साफ करने में बेहद मददगार साबित होती है, जो अक्सर स्मॉग के संपर्क में आने के कारण होने वाली एक आम समस्या है। यह शरीर से बलगम को बाहर निकालने में मदद करती है, जिससे वायु प्रवाह बेहतर होता है। साथ ही यह ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाती है, जिससे प्रदूषित हवा में लंबे समय तक बाहर रहने के बाद सीने में जकड़न से राहत मिलती है।