इस बार चैत्र नवरात्रि नौ दिनों की अपेक्षा आठ दिनों की होगी। इसके पीछे कारण पंचमी तिथि का क्षरण होना है। गौरतलब है कि चैत्र नवरात्रि की शुरूआत रविवार 30 मार्च से हो रही है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल की अष्टमी की शुरुआत 4 अप्रैल को रात 8 बजकर 12 मिनट पर होगी। समापन 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 मिनट पर होगा। उदया तिथि के कारण शनिवार, 5 अप्रैल को अष्टमी और अगले दिन नवमी मनाई जाएगी।
किस दिन किस रूप की होगी पूजा
बता दें कि नवरात्रि में हर दिन देवी के अलग-अलग स्वरूपों में पूजा होती है। जानिए किस दिन किस देवी की किस स्वरूप में पूजा होगी।
दिन-1: शैलपुत्री – शक्ति और साहस का प्रतीक
दिन-2: ब्रह्मचारिणी – तपस्या और संयम की देवी
दिन- 3: चंद्रघंटा – साहस और विजय की प्रतीक
दिन- 4: कूष्मांडा – सृजन और ऊर्जा की देवी
दिन- 5: स्कंदमाता – प्रेम और मातृत्व का प्रतीक
दिन- 6: कात्यायनी – शक्ति और युद्ध की देवी
दिन- 7: कालरात्रि – नकारात्मक ऊर्जा का नाश करने वाली
दिन- 8: महागौरी – शांति और बुद्धि की देवी
दिन- 9: सिद्धिदात्री – सिद्धि और ज्ञान प्रदान करने वाली