Tokyo Paralympics: टोक्यो पैरालंपिक में भारत की भाविना पटेल (Bhavina Patel) ने शानदार प्रदर्शन किया। भाविना (Bhavina Patel) ने चीन (China) के खिलाड़ी झांग जियाओ (zhang jiao) को पटखानी देकर इतिहास रचा और फाइनल में अपनी जगह बनाई। उन्होंन चीन के खिलाड़ी को सेमी फाइनल में 3-2 से हराया है। भारत की तरफ से पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) इतिहास में टेबल टेनिस स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली पहल पहली एथलीट हैं।
Tokyo Paralympics: टोक्यो पैरालंपिक में भारत की भाविना पटेल (Bhavina Patel) ने शानदार प्रदर्शन किया। भाविना (Bhavina Patel) ने चीन (China) के खिलाड़ी झांग जियाओ (zhang jiao) को पटखानी देकर इतिहास रचा और फाइनल में अपनी जगह बनाई। उन्होंन चीन के खिलाड़ी को सेमी फाइनल में 3-2 से हराया है। भारत की तरफ से पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) इतिहास में टेबल टेनिस स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली पहल पहली एथलीट हैं।
भाविना को यहां तक पहुंचने में काफी मशक्क करनी पड़ी। इसके साथ ही उन्हें कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। वहीं, भाविना (Bhavina Patel) का करियर भी बेहद ही कठिनाईंयों से भरा रहा। बता दें कि, भाविना (Bhavina Patel) का जन्म गुजरात के मेहसान जिले के वडगर के एक छोटे गांव में 6 नवंबर 1986 में हुआ था।
एक साल की उम्र में ही भाविना (Bhavina Patel) पोलियो की शिकार हो गईं। पांच लोगों के इस परिवार में अकेले कमाने वाले उनके पिता थे। लिहाजा, भाविना (Bhavina Patel) का उपचार नहीं कर पाए। हालांकि, बाद में विशाखापट्टन में उनका ऑपरेशन किया गया लेकिन नतीजा ढाख के तीन पात रहा।
इन सबके बीच भाविना (Bhavina Patel) ने कभी हार नहीं मानी और जिंदगी से लड़ती रहीं। उन्होंने शौक और मनोरंजन के लिए टेबल टेनिस खेलना शुरू कर दिया। इसके साथ ही इसमें ही करियर बनाने की ठान ली। साल 2011 में पीटीटी थाईलैंड टेबल टेनिस चैंपियनशिप जीतने के बाद उनको प्रसिद्धि मिली।
इसके बाद अक्टूबर 2013 में बीजिंग एशियन पैरा टेबल टेनिस चैंपियनशिप में उन्होंने महिलाओं के सिंगल्स कलाप 4 स्पर्धा में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया। एक समय वह दुनिया की दूसरे नंबर की टेनिस खिलाड़ी थीं। इसके साथ ही भाविना ने 2017 में बीजिंग में भी कमाल का प्रदर्शन किया था।