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यूपी में इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्यों व प्रबंधकों के साथ मुख्यमंत्री ने की बैठक, माध्यमिक विद्यालयों के कायाकल्प को मिलेंगे दो करोड़ रुपये

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप माध्यमिक विद्यालयों के कायाकल्प को प्रतिबद्ध है। सरकार का प्रयास है कि विद्यालय संसाधन से परिपूर्ण और उच्च शैक्षिक गुणवत्ता वाले हों। इसके दृष्टिगत माध्यमिक विद्यालयों के कायाकल्प, अनुरक्षण व विकास वाली अलंकार योजना में अच्छा प्रोजेक्ट देने वाले विद्यालयों को दो करोड़ रुपये तक ही धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।

By संतोष सिंह 
Updated Date

गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप माध्यमिक विद्यालयों के कायाकल्प को प्रतिबद्ध है। सरकार का प्रयास है कि विद्यालय संसाधन से परिपूर्ण और उच्च शैक्षिक गुणवत्ता वाले हों। इसके दृष्टिगत माध्यमिक विद्यालयों के कायाकल्प, अनुरक्षण व विकास वाली अलंकार योजना में अच्छा प्रोजेक्ट देने वाले विद्यालयों को दो करोड़ रुपये तक ही धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।

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रविवार शाम एनेक्सी भवन सभागार में इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्यों व प्रबंधकों के साथ बैठक करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अलंकार योजना के लिए सरकार ने 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसमें प्रति विद्यालय अनुरक्षण व विकास के लिए दो करोड़ रुपये तक की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया अलंकार योजना के प्रस्तावों का परीक्षण कर शासन को उपलब्ध कराएं।

बैठक में सीएम योगी ने जनपद के इंटर कॉलेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी ली। उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित किया राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर जिले के सभी इंटर कॉलेजों की एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला अनिवार्य रूप से कराई जाए। कार्यशाला में सभी प्रबंधकों, प्रधानाचार्यों व शिक्षकों की सहभागिता सुनिश्चित हो। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार कॉलेजों को व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास व तदनुरूप प्रशिक्षण से जोड़ने की जरूरत है।

 

प्रबंधकीय विद्यालयों को 25 प्रतिशत खाली जमीन के व्यावसायिक इस्तेमाल की अनुमति

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मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में आवश्यक संसाधन सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने प्रबंधकीय विद्यालयों को खाली पड़ी जमीन के 25 प्रतिशत व्यावसायिक इस्तेमाल की अनुमति दी है। पर, इससे अर्जित आय का उपयोग विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने में ही करना होगा। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि विद्यालयों की लंबित मान्यता पत्रावली 15 दिन में निस्तारित की जाए। जिन विद्यालयों में शिक्षक कम हैं, वहां मानदेय पर शिक्षक रखे जाएं।

शिक्षा के मंदिर जैसा हो विद्यालयों का वातावरण

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालय शिक्षा के मंदिर होते हैं। इसलिए यहां का वातावरण भी इसी भावना के अनुरूप होना चाहिए। विद्यालय स्वच्छ हों, परिसर हरा भरा हो, अनुशासन रहे और विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना रहे। विद्यालयों में शौचालय, पेयजल, स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी की व्यवस्था तो हो ही, इन्हें डिजिटल लाइब्रेरी से भी जोड़ा जाए। विद्यालयों में पुरातन छात्रों के अनुभव का भी लाभ लिया जाए। विद्यार्थियों को खेलों व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रति भी जागरूक किया जाए। राष्ट्रीय पर्व धूमधाम से मनाया जाए और प्रार्थना सभा से पूर्व महापुरुषों के बारे में जानकारी दी जाए। ग्रामीण क्षेत्र के कॉलेजों में साइंस लैब अपडेट किया जाए। विद्यार्थियों को पौधरोपण का महत्व समझाते हुए अलग अलग तरह की वाटिकाएं विकसित की जाएं।

सुरक्षा पर हो विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने विद्यालयों के आसपास सुरक्षा का वातावरण बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बालिका विद्यालयों के आसपास सतत सुरक्षा हो और इसका पर्यवेक्षण भी होता रहे। विद्यालयों को सीसी कैमरे से लैस किया जाए। उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित किया कि कक्षा नौ के जो बच्चे किन्हीं कारणों से विद्यालय छोड़ दिए हैं, उनके अभिभावकों से मिलकर उन्हें वापस लाया जाए।

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बैठक में सांसद रविकिशन शुक्ल, महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक फतेह बहादुर सिंह, विपिन सिंह, एमएलसी डॉ धर्मेंद्र सिंह, प्रशासन, पुलिस व शिक्षा विभाग के अधिकारी, माध्यमिक विद्यालयों के प्रबंधक व प्रधानाचार्य उपस्थित रहे।

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