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संकट में उद्धव सरकार : महाराष्ट्र के दो सीएम रिश्तेदारों के कारण गवां चुके हैं अपनी कुर्सी

महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की कुर्सी इन दिनों संकट में दिखाई दे रहे हैं। इसकी वजह उनके साले श्रीधर पाटनकर (Shridhar Patankar) हैं। बीते बुधवार को ED ने श्रीधर पाटनकर (Shridhar Patankar) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। बता दें कि ED की कार्रवाई के बाद अब जांच की आंच उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की फेमिली तक पहुंचने लगी है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की कुर्सी इन दिनों संकट में दिखाई दे रहे हैं। इसकी वजह उनके साले श्रीधर पाटनकर (Shridhar Patankar) हैं। बीते बुधवार को ED ने श्रीधर पाटनकर (Shridhar Patankar) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है।

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बता दें कि ED की कार्रवाई के बाद अब जांच की आंच उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की फेमिली तक पहुंचने लगी है। यही कारण है कि राज्य की सियासत का पारा एकदम बढ़ गया है। जहां एक तरफ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) अपने विधायकों और सहयोगी नेताओं से चर्चा कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी (BJP) हमलावर रुख अपनाए हुए है। इन सबसे बीच जो सबसे ज्यादा चर्चा का विषय यह है कि इससे पहले भी सूबे में रिश्तेदारों के चलते दो मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी गंवा चुके हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि सीएम उद्धव पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

मनोहर जोशी व अशोक चव्हाण को सीएम पद से हटना पड़ा था

महाराष्ट्र में रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने के कारण शिवसेना-भाजपा गठबंधन के पहले मुख्यमंत्री मनोहर जोशी को अपने दामाद के कारण कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। इसके अलावा आदर्श हाउसिंग घोटाले में सास के नाम पर फ्लैट होने के कारण अशोक चव्हाण को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उसके बाद अब वर्तमान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे साले के कारण संकट में हैं।

बता दें कि मनोहर जोशी 1998 में राज्य के सीएम थे, लेकिन दामाद गिरीश व्यास के कारण उन्हें सीएम पद से हटना पड़ा था। उसके बाद मौजूदा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे मुख्यमंत्री बने थे। कहते हैं कि उस समय पुणे में स्कूल की एक जमीन का आरक्षण बदलकर जोशी के दामाद गिरीश के एक करीबी को दिया था। कुछ दिनों में ही भूखंड पर 10 मंजिला इमारत खड़ी हो गई थी। इसके लिए जोशी को सुप्रीम कोर्ट की फटकार भी सुननी पड़ी थी।

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दूसरा मामला अशोक चव्हाण का है, जिन्हें दक्षिण मुंबई के कुलाबा में सेना के लिए आरक्षित जमीन पर बनी आदर्श हाउसिंग सोसायटी में सास का फ्लैट होने से मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। अब ईडी ने मनीलांड्रिंग मामले में सीएम ठाकरे के साले श्रीधर पाटणकर जुड़े 11 फ्लैट सीज कर दिए है, जिसकी कीमत 6.45 करोड़ है। इससे ठाकरे का संकट बढ़ गया है।

मथुरा के चतुर्वेदी का क्या है ठाकरे कनेक्शन?

ईडी ने उद्धव के साले पर कार्रवाई एक हवाला कारोबारी मथुरा निवासी सीए नंदकिशोर चतुर्वेदी से कनेक्शन की वजह से की है। चतुर्वेदी ने शेल कंपनी (छद्म कंपनी) ‘हमसफर डीलर प्राइवेट लिमिटेड’ के जरिए श्रीधर पाटणकर की कंपनी श्री साईबाबा गृहनिर्मिति प्राइवेट लिमिटेड’ को कर्ज के नाम पर 30 करोड़ दिए थे। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि सीएम ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे और बेटे आदित्य ठाकरे ने 2014 में कोमो स्टॉक एंड प्रापर्टीज नामक एक कंपनी बनाई थी। अब कंपनी का मालिक नंदकिशोर है। वही मुख्यमंत्री ठाकरे के साले के खाते में पैसे ट्रांसफर कर रहा है।

जानें क्या है पूरा मामला?

प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री के साले श्रीधर पाटनकर (Shridhar Patankar) की करोड़ों की संपत्ति जब्त की है। बीते मंगलवार को ठाणे के नीलांबरी परियोजना में बने 11 आवासीय फ्लैट को सीज कर दिया। जिसकी कीमत 6.45 करोड़ रुपए आंकी जा रही है। श्रीधर पाटनकर (Shridhar Patankar) मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की पत्नी रश्मि ठाकरे के (Rashmi Thackeray) भाई हैं। वे पुष्पक समूह में पार्टनर हैं। अब तक महाविकास अघाड़ी (Mahavikas Aghadi) के मंत्री और नेता ईडी की रडार पर थे, लेकिन इस कार्रवाई के बाद अब सीएम की फेमिली भी जांच एजेंसी के निशाने पर आ गई है।

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