Ukraine-Russia War: अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (IPG) ने गुरुवार को कहा कि रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों को यूक्रेन में युद्ध में उनके देशों की भूमिका के कारण शीतकालीन पैरालंपिक खेलों से प्रतिबंधित कर दिया गया है। आईपीसी ने 24 घंटे के अंदर अपना फैसला बदला, क्योंकि इससे पहले बुधवार को उसने कहा था कि शुक्रवार से शुरू होने वाले खेलों में रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों को तटस्थ खिलाड़ियों के रूप भाग लेने की अनुमति दी जाएगी, जिसमें वे अपने देश के नाम और ध्वज का उपयोग नहीं कर सकते थे।
Ukraine-Russia War: अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (IPG) ने गुरुवार को कहा कि रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों को यूक्रेन में युद्ध में उनके देशों की भूमिका के कारण शीतकालीन पैरालंपिक खेलों से प्रतिबंधित कर दिया गया है। आईपीसी ने 24 घंटे के अंदर अपना फैसला बदला, क्योंकि इससे पहले बुधवार को उसने कहा था कि शुक्रवार से शुरू होने वाले खेलों में रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों को तटस्थ खिलाड़ियों के रूप भाग लेने की अनुमति दी जाएगी, जिसमें वे अपने देश के नाम और ध्वज का उपयोग नहीं कर सकते थे।
कई प्लेयर्स भी रूस-बेलारूस के खिलाड़ियों से मैच नहीं खेलना चाहेंगे आईपीसी को इस फैसले के लिए आलोचना झेलनी पड़ी थी, जिसके बाद उसे अपना निर्णय बदलना पड़ा। आईपीसी ने यह भी कहा कि स्पष्ट है कि कई खिलाड़ी रूस या बेलारूस के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने से मना कर देंगे, जिससे पैरालिंपिक में मुश्किल स्थिति पैदा हो जाएगी और उससे उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान होगा।
फुटबॉल और हॉकी समेत कई खेलों में भी दोनों देशों पर बैन आईपीसी के अध्यक्ष एंड्रयू पर्सन्स ने कहा कि पिछले 12 घंटों में कई सदस्यों ने हमसे संपर्क किया है। उन्होंने कहा कि अगर हम अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करते हैं तो उसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। अपना फैसला बदलने के बाद आईपीसी अब फ़ुटबॉल, ट्रैक एवं फील्ड, बास्केटबॉल, हॉकी और अन्य खेलों में शामिल हो गया है, जिन्होंने रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
रूस को यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ना अब भारी पड़ता नजर आ रहा है। इस कारण रूस और उसके सहयोगी देश बेलारूस का खेल जगत निशाने पर आ गया है। दोनों देशों को सभी खेलों की इंटनेशनल संस्थाओं ने लगभग पूरी तरह बाहर कर दिया है। इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) ने भी ब्रॉडकास्ट राइट्स को छीन लिया है। यह जानकारी खुद IOC प्रेसिडेंट थॉमस बाक ने दी है। IOC ने सभी खेलों की इंटरनेशनल संस्थाओं से भी अपील की है कि रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को किसी भी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेलने की अनुमति न दी जाए।
बता दें कि इससे पहले फुटबॉल की इंटरनेशनल संस्था FIFA और UEFA ने भी अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों और क्लब मैचों से दोनों देशों को हटा दिया है। क्या रूस और बेलारूस पर लगे प्रतिबंध हटेंगे? क्या रूस यूक्रेन से युद्ध बंद कर शांति स्थापित करता है, तो उस पर लगे प्रतिबंध हटाए जा सकते हैं? इस सवाल के जवाब में थॉमस बाक ने कहा कि अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। फिलहाल प्रतिबंध जारी रहेंगे। हालांकि यह जो भी प्रतिबंध लगाए गए हैं, वह रूस और बेलारूस पर उसके गलत काम (युद्ध) के लिए लगे हैं। इसमें दोनों देश की ओलंपिक कमेटी और उस देश के एथलीट्स की कोई भूमिका नहीं है। ऐसे में प्रतिबंध हटाने पर शांति स्थापित होने के बाद ही कुछ फैसला लिया जा सकता है।
EPL में फुटबॉल क्लब चेल्सी को बेचेंगे रूस के बिलेनियर युद्ध के कारण यूरोपियन फुटबॉल क्लब के जितने भी रूसी बिजनेसमैन या बिलेनियर मालिक हैं, उन पर आर्थिक समेत बाकी सभी प्रतिबंध भी लग सकते हैं। इसी डर के बीच वह अपने क्लब बेचने की फिराक में हैं। सूत्रों की मानें तो रूस के बिलेनियर रोमन एब्रामोविच (Roman Abramovich) इंग्लिश प्रीमियर लीग (EPL) के क्लब चेल्सी के मालिक हैं. वह अपना यह क्लब बेचने की कोशिश में हैं। शूटिंग चैम्पियनशिप से भी बाहर हुए रूस-बेलारूस इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट्स फेडरेशन (ISSF) ने भी रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों पर चैम्पियनशिप में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह आदेश एक मार्च से लागू किया गया है, जो अगले आदेश तक रहेगा। ISSF ने मंगलवार (1 मार्च) को बयान जारी कर यह जानकारी दी है। यह फैसला IOC के स्पेशल बोर्ड और प्रेसिडेंट थॉमस बाक के साथ मीटिंग के बाद ISSF ने लिया है।