UP Assembly Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए बीजेपी के चाणक्य अमित शाह ने ऐसी ही रणनीति तैयार की है, ताकि मैदान में कूदने से पहले विपक्ष की हवा निकल जाए। यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) के एलान से पहले बहुत बड़ी खबर आ रही है कि भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बीएसपी (BSP) के खेमे में बड़ी सेंध लगाने की योजना तैयार की है।
UP Assembly Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए बीजेपी के चाणक्य अमित शाह ने ऐसी ही रणनीति तैयार की है, ताकि मैदान में कूदने से पहले विपक्ष की हवा निकल जाए। यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) के एलान से पहले बहुत बड़ी खबर आ रही है कि भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बीएसपी (BSP) के खेमे में बड़ी सेंध लगाने की योजना तैयार की है। इस सीक्रेट प्लान में तहत सपा-बसपा के 10 एमएलसी जल्द बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। सपा के सदस्यों को भाजपा (BJP) में शामिल कराने में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा (Deputy CM Dinesh Sharma) और भाजपा के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह (BJP Vice President Dayashankar Singh) की अहम भूमिका बताई जा रही है।
बीते 7 सालों में उत्तर प्रदेश में 2 लोकसभा के और 1 विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं। हर चुनाव में बीजेपी (BJP) ने बंपर जीत हासिल की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर जब 2022 के चुनाव करीब आ गए हैं तो उत्तर प्रदेश की सारी कमान अपने हाथ में ले ली है। मिली जानकारी के मुताबिक सपा के रविशंकर सिंह पप्पू, सीपी चंद, अक्षय प्रसाद सिंह और बसपा के बृजेश कुमार सिंह सहित 10 एमएलसी बीजेपी का झंडा थामेंगे।
चुनाव से पहले बीजेपी (BJP) की कोशिश है कि उन दलों में सेंधमारी की जाए जिनके नेताओं का अपने क्षेत्र में अच्छा प्रभाव है। यह उसका सफल फार्मूला भी रहा है। इसीलिए 2022 के चुनाव में बीजेपी (BJP) अपने सफल फार्मूले को एक बार फिर आजमाने में जुटी है, लेकिन इस बार उसके टारगेट पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और उसके नेता हैं, क्योंकि पार्टी का लक्ष्य विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करना है फिर अपना उम्मीदवार अपना हो या फिर किसी दूसरे दल से आया हुआ ही क्यों न हो?
जब 2014 के लोकसभा चुनाव देश में हो रहे थे उससे पहले भी बीजेपी ने यही रणनीति अपनाई थी कि कांग्रेस के तमाम बड़े दिग्गज बीजेपी में शामिल हुए थे। जब बारी उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव की आई तो भी बीजेपी ने इसी फार्मूले को अपनाया था।