यूपी में भारतीय जनता पार्टी लगातार दूसरी बार सत्तारूढ़ हो गई है। इसके बाद अब बीजेपी के संगठन में हलचल शुरू हो गई है। जैसे ही यूपी का नया अध्यक्ष बन जाएगा, उसके बाद संगठन में बड़े फेरबदल माना जा रहा है। खास तौर से यूपी विधानसभा चुनाव में जिन जिलों और क्षेत्रों में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा है, उन जिलों के अध्यक्ष से लेकर अन्य पार्टी पदाधिकारियों को भी बदला जा सकता है। इसको लेकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में लगातार बैठकों का दौर भी जारी है।
नई दिल्ली। यूपी में भारतीय जनता पार्टी लगातार दूसरी बार सत्तारूढ़ हो गई है। इसके बाद अब बीजेपी के संगठन में हलचल शुरू हो गई है। जैसे ही यूपी का नया अध्यक्ष बन जाएगा, उसके बाद संगठन में बड़े फेरबदल माना जा रहा है।
खास तौर से यूपी विधानसभा चुनाव में जिन जिलों और क्षेत्रों में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा है, उन जिलों के अध्यक्ष से लेकर अन्य पार्टी पदाधिकारियों को भी बदला जा सकता है। इसको लेकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में लगातार बैठकों का दौर भी जारी है।
बीजेपी आलाकमान को प्रदेश संगठन ने भेजी सूची
पार्टी सूत्रों की मानें तो यूपी में बहुत जल्द ही नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने वाला है। प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा यह तकरीबन तय हो गया है। बस उसकी औपचारिक घोषणा होनी बाकी है। संभावना है कि प्रदेश संगठन को मजबूत करने की नई दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने प्रदेश के ऐसे जिलों की सूची तैयार कर आलाकमान को भेज दी है, ताकि नए अध्यक्ष के पदभार ग्रहण करने के साथ ही कमजोर और संगठन को मजबूत न कर सकने वाले पदाधिकारियों को कार्यमुक्त कर दूसरी जिम्मेदारियों से जोड़ा जा सके।
बूथ स्तर तक समीक्षा
भाजपा के केंद्रीय संगठन को भेजी गई सूची के मुताबिक शामली, गाजीपुर, कौशांबी, अंबेडकरनगर और आजमगढ़ जैसे जिलों में पार्टी का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी जब अपना बेहतर प्रदर्शन करने के लिए बूथ स्तर पर अभियान चलाती है, तो अपने कमजोर प्रदर्शन के लिए भी उसी स्तर से समीक्षा भी कर रही है। सूत्र बताते हैं कि बूथ स्तर पर कमजोर प्रदर्शन करने वाले जिम्मेदार प्रमुख नेताओं को भी तलब किया जाएगा। जबकि हारे हुए जिले और कमजोर प्रदर्शन करने वाले कुछ जिलों के अध्यक्षों का भी बदला जाना तकरीबन तय है।
इन जिलों पर होगा भारी फोकस
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि पार्टी में संगठनात्मक फेरबदल 2024 के लिहाज से किए जाएंगे। खासतौर से जिन जिलों, तहसीलों, शहरों और बूथों पर पार्टी का कमजोर प्रदर्शन रहा है, वहां पर उसी के लिहाज से पार्टी अपनी मजबूत रणनीति बनाएगी। इसके अलावा केंद्रीय पर्यवेक्षक और प्रदेश के कुछ जिम्मेदार पदाधिकारियों की एक टीम बनाई जा रही है, जो इन सीटों पर जाकर अपनी सर्वे भी करेगी और अपनी रिपोर्ट केंद्रीय आलाकमान को देगी। ताकि वहां पर कमजोर हुई व्यवस्था को दुरुस्त किया जा सके।