समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने 2022 के विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। पार्टी के कॉरपोरेट कल्चर वाली टीम ने कई सीमकरण भी बनाए थे लेकिन चुनाव में इस कल्चर को जनता ने नकार दिया। लिहजा, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) सत्ता से दूर रह गई। 2017 के मुताबिक, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वोट बैंक में इजाफा जरूर हुआ है लेकिन बहुमत के आंकड़े से पार्टी काफी दूर रह गई।
UP Election Result: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने 2022 के विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। पार्टी के कॉरपोरेट कल्चर वाली टीम ने कई सीमकरण भी बनाए थे लेकिन चुनाव में इस कल्चर को जनता ने नकार दिया। लिहजा, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) सत्ता से दूर रह गई। 2017 के मुताबिक, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वोट बैंक में इजाफा जरूर हुआ है लेकिन बहुमत के आंकड़े से पार्टी काफी दूर रह गई।
ऐसे में अब पुराने समाजवादियों का कहना है कि सपा को सत्ता तक पहुंचने के लिए मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के फॉर्मूले पर काम करना होगा। तभी पार्टी को मजबूती मिलेगी और सत्ता तक पहुंच पाएगी। सपा के अंदरखाने हमेशा से ये चर्चाएं रहीं कि शीष नेता अनुभवहीन नेताओं वाली टीम से घिरे रहते हैं, जिनका जनता से कोई सरोकार नहीं रहता है। इसके साथ ही वो शीर्ष नेतृत्व को जमीनी हकीकत की फीडबैक नहीं दे पाते हैं।
सूत्रों की माने तो इसी कारण से पार्टी के वरिष्ठ नेता जनता के फीडबैक को शीष नेतृत्व तक नहीं पहुंचा पाते हैं। क्योंकि इसके लिए उनको सिपहसलारों के घेरे को तोड़ना पड़ता। हालांकि जिस किसी ने उस घेरे को तोड़ने की कोशिश की, उन्हें देर सबेर इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है।
इसका प्रमाण है, जिला पंचायत चुनाव के दौरान जिन लोगों ने हकीकत बताने का प्रयास किया था, उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट से हाथ धोना पड़ा है। राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो 2012 में अखिलेश यादव के सत्ता में आने के बाद कॉरपोरेट कल्चर वाली टीम काफी प्रभावशाली हो गई और शीर्ष नेतृत्व के करीबी भी हो गए।