राज्य मिशन निदेशक नेहा शर्मा ने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में बेहतर अंक पाने के साथ ही नागरिकों को स्वच्छ शौचालय उपलब्ध कराने के दृष्टिगत सात दिवसीय 75000 सीट शौचालयों का कायाकल्प/जीर्णाेद्वार हेतु अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान के तहत नगरीय निकायों में स्थित ऐसे सामुदायिक, सार्वजनिक एवं पिंक शौचालय आदि जिन्हें मरम्मत आदि की आवश्यकता है, उन्हें चिन्हित कर सात दिन के भीतर उनका कायाकल्प किया जाएगा।
UP News: उत्तर प्रदेश को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) उत्तर प्रदेश ने एक नई पहल की है। मिशन ने सात दिवसीय 75000 शौचालयों का कायाकल्प/जीर्णाेद्वार हेतु अभियान चलाने की घोषणा की है। इसके तहत प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में अभियान चलाकर 24 से 30 मार्च के मध्य सामुदायिक, सार्वजनिक एवं पिंक शौचालयों का कायाकल्प किया जाएगा।
राज्य मिशन निदेशक नेहा शर्मा (State Mission Director Neha Sharma) ने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में बेहतर अंक पाने के साथ ही नागरिकों को स्वच्छ शौचालय उपलब्ध कराने के दृष्टिगत सात दिवसीय 75000 सीट शौचालयों का कायाकल्प/जीर्णाेद्वार हेतु अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान के तहत नगरीय निकायों में स्थित ऐसे सामुदायिक, सार्वजनिक एवं पिंक शौचालय आदि जिन्हें मरम्मत आदि की आवश्यकता है, उन्हें चिन्हित कर सात दिन के भीतर उनका कायाकल्प किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के नगरीय क्षेत्र को स्वच्छ बनाने के लिए विभाग द्वारा समय-समय पर विभिन्न अभियान चलाए गये हैं। साथ ही इन अभियानों में जनभागीदारी बढ़ाने के भी प्रयास किये गये है। स्थायी स्वच्छता के लिए जन सहभागिता अति आवश्यक है इसलिए आमजन को स्वच्छता अभियानों से ज्यादा से ज्यादा जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
अभियान के दौरान सार्वजनिक शौचालयों की स्वच्छता और स्वच्छता मानक में सुधार करना, स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 के दौरान निकायों के साथ-साथ प्रदेश की बेहतर रैकिंग हासिल करना। मौजूदा सीटी/पीटी को सबसे साफ शौचालय में बदलना। सार्वजनिक शौचालयों में स्वच्छता और साफ-सफाई के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना। सभी सीटी/पीटी में ओडीएफ मानकों का निर्धारण सुनिश्चित करना। आम नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना और उन्हें सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करने और कचरे को उचित स्थान पर निस्तारित करने के लिए प्रोत्साहित करना।
सीटी/पीटी शौचालयों की नियमित सफाई और रखरखाव सुनिश्चित करना, जिसमें सफाई का समय निर्धारित करना और ओडीएफ मापदंडों के अनुसार साबुन, टॉयलेट पेपर और अन्य आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित कराने के साथ सफाई अभियान में स्थानीय व्यापारियों, सरकारी एजेन्सियों और सामुदायिक संगठनों को भी सम्मिलित कराने पर जोर दिया जायेगा।