Uttarkashi Tunnel Rescue Update: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग (Silkyara Tunnel) में 14 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को अभी तक बाहर निकाला जा सका है। श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेसक्यू टीम (Rescue Team) की ओर से युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन ड्रिलिंग (Drilling) के दौरान बार-बार खराब हो रही ऑगर मशीन (Auger Machine) और अभियान में आ रही बाधाओं के चलते रेसक्यू टीम को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में रेसक्यू टीम ने एक बड़ा फैसला लिया है।
Uttarkashi Tunnel Rescue Update: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग (Silkyara Tunnel) में 14 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को अभी तक बाहर निकाला जा सका है। श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेसक्यू टीम (Rescue Team) की ओर से युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन ड्रिलिंग (Drilling) के दौरान बार-बार खराब हो रही ऑगर मशीन (Auger Machine) और अभियान में आ रही बाधाओं के चलते रेसक्यू टीम को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में रेसक्यू टीम ने एक बड़ा फैसला लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ड्रिलिंग (Drilling) के लिए इस्तेमाल हो रही ऑगर मशीन की राह में बार-बार आ रही बाधाओं को देखते हुए एनडीआरएफ के जवान (NDRF Soldiers) अब पारम्परिक तरीके का इस्तेमाल करने वाले हैं। यानी हाथ से ही ड्रिलिंग करने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं। दरअसल, 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के अभियान में 47 मीटर की ड्रिलिंग पूरी हो गई है और और 10 मीटर की ड्रिलिंग की जानी है। वहीं, ड्रिलिंग में आ रही बाधाओं की वजह से अब एनडीआरएफ के जवान (NDRF Soldiers) खुद उस पाइप लाइन में नीचे उतरेंगे जिसे मजदूरों के करीब तक पहुंचा दिया गया है।
बताया जा रहा है कि बचाव अभियान में जुटे एनडीआरएफ के जवान ड्रिलिंग करने के लिए इस्तेमाल होने वाले पारंपरिक यंत्र जैसे हथौड़ा, साबल, गैस कटर मशीन जैसे सामान्य टूल्स के साथ नीचे उतरेंगे। वे हाथ से ही पाइप की राह में आ रही बाधा को काटकर हटाएंगे। यह काफी मेहनत भरा काम होने वाला है और इसमें काफी वक्त भी लग सकता है। हालांकि इस योजना में सफलता मिलने की उम्मीद है।