दुनिया से मिले अनुभव से साफ हो गया है कि कोरोना महामारी से जीत टीकाकरण से ही मिल सकता है। इसलिए सरकार को टीका नीति में सुधार कर वैक्सीन खरीद का केंद्रीकरण और वितरण का विकेंद्रीकरण करना चाहिए।
नई दिल्ली। दुनिया से मिले अनुभव से साफ हो गया है कि कोरोना महामारी से जीत टीकाकरण से ही मिल सकता है। इसलिए सरकार को टीका नीति में सुधार कर वैक्सीन खरीद का केंद्रीकरण और वितरण का विकेंद्रीकरण करना चाहिए।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार की टीकाकरण नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार की वैक्सीन नीति समस्या को और बिगाड़ रही है। इस नीति को देश झेल नहीं सकता है। उन्होंने इस नीति में बदलाव का सुझाव देते हुए कहा कि वैक्सीन की ख़रीद केंद्र को करनी चाहिए और वितरण की ज़िम्मेदारी राज्यों को दी जानी चाहिए।
इसके बाद कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दुनिया के विभिन्न देशों के अनुभव से यही सीखने को मिला है कि व्यापक स्तर पर लोगों को वैक्सीन देकर ही कोरोना महामारी पर जीत हासिल की जा सकती है। इसलिए सरकार को कोरी बयानबाजी करने व छवि सुधारने की कोशिश करने की बजाए लोगों की जान बचाने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आबादी के हिसाब से कोरोना वैक्सीन की डोज़ देने वाले देशों में भारत 77वें पायदान पर है। हालात यह है कि सरकार ने संसद की स्वास्थ्य संबंधी स्थायी समिति के वैक्सीन को लेकर दिए सुझावों की अनदेखी की है।
प्रवक्ता ने कहा कि जिन देशों ने कोरोना टीके की खुराक देने में अग्रिमता रखी है, वहां कोरोना के संक्रमण की कड़ी टूटी है और सामान्य स्थिति बनी है। श्री गोहिल ने कहा कि दुनिया के चार देश सेशेल्स, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और सैंड मैरिनो ने अपनी शत-प्रतिशत आबादी को टीका लगाने में सफलता प्राप्त की ब्रिटेन और अमेरिका से लेकर मालदीव तक कई देशों ने 80 प्रतिशत से ज्यादा आबादी को कोरोना का टीका लगा दिया है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वैक्सीन बनाने की क्षमता में दुनिया में अव्वल भारत केवल 10 प्रतिशत लोगों को ही वैक्सीन का पहला टीका लगा पाया है जबकि कोरोना के दोनों टीके यानी पूरा वैक्सीनेशन केवल 2.7 प्रतिशत लोगों का ही किया जा सका है।
प्रवक्ता ने कहा कि वैज्ञानिक कहते हैं कि महामारी से जीत के लिए 60 प्रतिशत से अधिक आबादी का टीकाकरण आवश्यक है इसलिए देश में सभी का मुफ्त टीकाकरण आवश्यक है। सरकार को समझना चाहिए कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से पहले देश में 60 प्रतिशत से अधिक लोगों का टीकाकरण कर महामारी की कड़ी को तोडा जा सकता है।