ग्रहों की चाल मानव जीवन को प्रभावित करती है। जीवन में जब भैतिक सुखों की बात हो उसके लिए सुक्र ग्रह को कारक माना जाता है। शुक्र ग्रह को सुख, सौंदर्य, कला, प्रेम, वाहन समेत अन्य भौतिक सुखों का कारक माना जाता है।
नई दिल्ली: ग्रहों की चाल मानव जीवन को प्रभावित करती है। जीवन में जब भैतिक सुखों की बात हो उसके लिए सुक्र ग्रह को कारक माना जाता है। शुक्र ग्रह को सुख, सौंदर्य, कला, प्रेम, वाहन समेत अन्य भौतिक सुखों का कारक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने के लिए लगभग 23 दिनों का समय लेता है। वैदिक ज्योतिष में भी शुक्र की गिनती शुभ ग्रहों में की जाती है। शुक्र के राशि परिवर्तन का भी सभी राशियों पर प्रभाव पड़ता है। शुक्र 22 जून को कर्क राशि में गोचर करेंगे। इससे पहले 29 मई के दिन शुक्र ने अपनी राशि बदली थी। पंचांग के अनुसार 22 जून 2021 मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 07 मिनट पर शुक्र का राशि परिवर्तन होगा। मिथुन राशि में अपनी यात्रा को पूर्ण कर कर्क राशि में आ जाएंगे। जहां पर शुक्र 17 जुलाई 2021 तक रहेंगे।शुक्र के कर्क राशि में गोचर करने से कुछ राशियों को लाभ होगा तो कुछ राशियों को नुकसान पहुंचेगा।
शास्त्रों के अनुसार इंद्र को शुक्र ग्रह का देवता भी बताया गया है। शुक्र एक जल तत्व ग्रह है। इसका क्षेत्र दक्षिण पूर्व दिशा माना गया है। इसका रंग श्वेत और किशोर अवस्था का प्रतीक और इसकी सवारी अश्व है। जन्म कुंडली में शुक्र के अशुभ होने पर व्यक्ति को रोगों का सामना करना पड़ता है। इसके साथ शुक्र खराब होने पर दांपत्य जीवन में परेशानी और सुखों में भी कमी प्रदान करते हैं।