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VIDEO- टीटीपी सरगना नूर वली महसूद, बोला-मैं जिंदा हूं…,अब बेशर्म पाकिस्तान की दुनिया में हो रही है फजीहत

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। पाकिस्तान(Pakistan)  ने हाल ही में अफगानिस्तान के काबुल शहर में मिसाइल बरसाई थी। इसके साथ ही पाकिस्तान(Pakistan)  ने दावा किया था कि इस अटैक में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का सरगना मुफ्ती नूर वली महसूद (TTP Noor Wali Mehsud) ढेर हो गया है, लेकिन, अब महसूद का एक वीडियो जारी कर पाकिस्तान सेना (Pakistan Army) के इस दावे को भी फेल कर दिया है।

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महसूद के करीब 8 मिनट के इस वीडियो में नूर वली महसूद पहाड़ की चोटी पर बैठा नजर आ रहा है। वीडियो में उन्होंने कहा कि मैं अफगानिस्तान में नहीं, बल्कि खैबर एजेंसी में हूं। पाकिस्तान (Pakistan) की तरफ से दावा किया जा रहा था कि उसके अटैक में महसूद की मौत हो गई है, लेकिन महसूद की इस वीडियो ने पाकिस्तान (Pakistan) के इस दावे को झूठा बताया। दावों में कहा गया था कि वो काबुल में ड्रोन हमले में मारे गए। वीडियो सामने आने के बाद पाकिस्तान की अब दुनिया में फजीहत हो रही है।

 महसूद के जिंदा बच निकलने से पाकिस्तान की सबसे गंभीर सुरक्षा चुनौती और गहरी हो गई

पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, 9 अक्टूबर को किया गया पाकिस्तान की तरफ से अफगानिस्तान पर हमला एक बख्तरबंद वाहन पर हुआ था। जिसमें महसूद के सवार होने की संभावना थी। लेकिन, गुरुवार को हालात फिर से बिगड़ गए जब नूर वली महसूद एक चुनौती भरे वीडियो मैसेज में दोबारा सामने आया। महसूद ने वीडियो में इस हमले के बाद जीत का दावा किया।

महसूद ने वीडियो मैसेज में कहा, जिहाद राष्ट्रों को आजादी और गरिमा देता है, वरना वो गुलाम बने रहते हैं। वो एक पत्थरीली पहाड़ी पर बैठा था। इस दौरान उसने काबुल में मारे जाने की सभी खबरों को खारिज कर दिया। महसूद के जिंदा बच निकलने से पाकिस्तान की सबसे गंभीर सुरक्षा चुनौती और गहरी हो गई है। इस्लामाबाद का आरोप है कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को शरण दे रही है।

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महसूद ने वीडियो में क्या-क्या कहा?

नूर वली महसूद ने अपने नए वीडियो में भारत का भी जिक्र किया है और पाकिस्तान को लताड़ लगाई है। नूर वली ने कहा  कि पाकिस्तान की ये पुरानी आदत है कि जब वो जंग हारने लगते हैं तो भारत पर आरोप मढ़ देते हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा  कि अफगान तालिबान भारत के शह पर पाकिस्तान पर हमले कर रहा है। शहबाज ने कहा कि तालिबान ने ये हमले तब किए जब अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत में थे। नूर वली महसूद ने अपने वीडियो में खुद बताया है कि वो इस वक्त पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा की गैरतमंद जमीन पर मौजूद है। आठ मिनट के इस वीडियो में नूर वली महसूद ने अपने मुजाहिदीनों को संबोधित किया है।

वीडियो में महसूद ने पाकिस्तान को लेकर कई दावे किए। उन्होंने पाकिस्तान सरकार और सेना पर जानबूझकर झूठ फैलाने का आरोप लगाया। महसूद ने कहा कि पाकिस्तान की फौज और सरकार झूठी प्रचार मुहिम चला रही है जिससे यह दिखाया जा सके कि उन्हें मारा जा चुका है। वीडियो में उनके पीछे पाक सेना की चौकियों को देखा जा सकता है, जिस पर उंगली उठाते हुए महसूद ने कहा कि यही पाकिस्तान का सबसे बड़ा झूठ है। हम उनके बीच में मौजूद हैं और वो हमें रोक नहीं पा रहे। नूर वली महसूद इस वीडियो में कहता है कि मैं अपनी कबायली और गैरतमंद जमीन पर मौजूद हूं। मैं सभी साथियों को आश्वस्त करता हूं कि वे किसी भी तरह की चिंता न करें और न ही पाकिस्तानी सरकार के झूठे प्रचार पर विश्वास करें।

भारत को लेकर दिया ये बयान

मुफ्ती नूर वली महसूद (TTP Noor Wali Mehsud) ने कहा कि 9 अक्टूबर को पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया कि पाकिस्तान के जेट स्ट्राइक में मैं काबुल में शहीद कर दिया गया हूं, जबकि मैंने ऑडियो मैसेज जारी किया था, लेकिन कुछ दोस्त अभी मुझे लेकर चिंता में है। उनकी सलाह पर मैं ये वीडियो टीटीपी के साथियों, पाकिस्तान और दुनिया के लिए जारी कर रहा हूं, सबसे पहले तो मैं कहना चाहूंगा कि मैं अपनी जमीन पर, अपने कबीले के जमीन पर यानी कि खैबर की जमीन पर मौजूद हूं। इस तरह नूर वली ने इन आशंकाओं को खारिज कर दिया कि वो पाकिस्तान छोड़कर भाग गया है। नूर वली ने कहा कि वह सेहतमंद है और चिंता की कोई बात नहीं है। पाकिस्तान को कोसते हुए और चुनौती देते हुए टीटीपी चीफ नूर वली महसूद ने कहा कि कुछ दिनों पहले सामने आया दुश्मन का प्रोपगैंडा फेल हो चुका है।

उसने आगे कहा कि पाकिस्तान हमेशा से अपने विरोधियों को भारत या अफगानिस्तान से जोड़ने की कोशिश करता है। ये वास्तव में उनकी कमजोरी,पाखंड और अपमान का प्रतीक है। नूर वली ने कहा कि जंग के दौरान पाकिस्तान हमेशा अपने विरोधियों के खिलाफ आरोप लगाता रहता है, कभी वे कहते हैं कि ये भारत द्वारा किया गया हमला है, कभी दूसरों पर आरोप लगाते हैं। अब जबकि पाकिस्तान हमारे द्वारा शिकस्त खा चुका है तो वे अफगानिस्तान पर आरोप लगा रहे हैं। वे ये दावा कर रहे हैं कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ होता है। हम अपनी जमीन से लड़ रहे हैं और इसमें कोई शक नहीं है कि अपनी जमीन पर कायम हैं।

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कौन है महसूद?

रॉयटर्स के अनुसार, नूर वली महसूद ने साल 2018 में पाकिस्तानी तालिबान (TTP) की कमान संभाली, जब उसके 3 पूर्व प्रमुख अमेरिकी ड्रोन हमलों में मारे जा चुके थे। तब तक पाकिस्तान के सैन्य अभियानों ने TTP को अफगानिस्तान की ओर धकेल दिया था। उसके ठिकाने तबाह कर दिए गए थे और संगठन कई गुटों में बंट चुका था।

महसूद, जो एक पूर्व इस्लामिक विद्वान और विचारक है, उसकी अगुवाई में यह संगठन दोबारा मजबूत हुआ। उसने टीटीपी के नेतृत्व को फिर से खड़ा किया, प्रतिद्वंदी कमांडरों को एकजुट किया और संगठन के मिशन को नई दिशा दी। रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने संगठन को फिर से जीवित किया, उसकी रणनीति बदली।

महसूद धर्म और विद्रोह का मेल करता है। उसने कई किताबें लिखी हैं, जिनमें एक 700 पन्नों का घोषणापत्र भी शामिल है, जिसमें पाकिस्तान में चल रहे जनजातीय विद्रोह को 19वीं सदी में ब्रिटिश शासन के खिलाफ हुए प्रतिरोध से जोड़ा गया है। एक पुराने भाषण में उसने कहा था, जिहाद आतंकवाद नहीं है, यह भ्रष्ट शासकों और उनके पश्चिमी मालिकों की ओर से गुलाम बनाए गए राष्ट्रों के लिए गरिमा का रास्ता है।

PAK के लिए महसूद एक ऐसा साया है जो मिटता नहीं है

इस्लामाबाद के लिए महसूद एक ऐसा साया है जो मिटता नहीं है। पिछले 6 वर्षों में वो ड्रोन हमलों और जमीनी सैन्य अभियानों से बचता रहा है और आदिवासी इलाकों में छिपकर संगठन का नेतृत्व कर रहा है। कई सालों से महसूद ने एक विद्रोह की अगुवाई की है जिसने पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र को लहूलुहान कर दिया है। उसने सेना के काफिलों पर घात लगाकर हमले किए, चौकियों पर बम धमाके कराए और अधिकारियों की हत्या करवाई। रॉयटर्स के हवाले से एक पूर्व सुरक्षा अधिकारी ने कहा, यही वो व्यक्ति है जिसने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया है।

पाकिस्तानी सेना ने काबुल हमले की आधिकारिक जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन अधिकारियों ने निजी तौर पर इसे अफगान तालिबान के लिए एक चेतावनी भरा संदेश बताया है। वहीं, अफगान तालिबान पाकिस्तानी आतंकियों को शरण देने के आरोपों से इनकार करते हैं।

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