उज्जैन । रविवार को भारतीय नववर्ष की प्रतिपदा के अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल की अध्यक्षता और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में विक्रम विश्वविद्यालय का 29 वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। समारोह का आयोजन विक्रम विश्व विद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में किया गया।
कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री पटेल ने इस अवसर पर कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय में आयोजित इस दीक्षांत समारोह में सम्मिलित हो कर अत्यधिक आनन्द का अनुभव हो रहा है। इस दीक्षान्त समारोह में अपनी उपाधियाँ प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को मैं आत्मीय बधाई देते हुए आप सभी के यशस्वी एवं मंगलमय भविष्य की कामना करता हूँ। यह दीक्षांत समारोह वास्तव में सेवा का संकल्प समारोह है।
जीवन में सफलता के लिए कठोर अनुशासन की आवश्यकता होती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव और हार्टफुलनेस संस्थान के संस्थापक कमलेश पटेल को विश्वविघालय द्वारा डी. लिट् की उपाधि से अलंकृत किया गया। अतिथियों के द्वारा विश्वविघालय से प्रकाशित तीन पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। इसके पश्चात विघार्थियों को उपाधि प्रदान कि गई।
उपाधि के पश्चात कुलगुरु के द्वारा सभी उपाधि प्राप्तकर्ताओं को उपदेश दिया गया तथा सभी को शपथ दिलवाई गई। इसके बाद विक्रम विश्वविघालय और हार्टफुलनेस संस्थान के बीच एम ओ यू का आदान-प्रदान किया गया।
कमलेश पटेल ने इस अवसर पर कहा की योग की साधना करने पर पेहला फल विवेक और बुद्धी के रुप में प्राप्त होता है। हम सभी को अपने नकारात्मक गुणों को समाप्त करने का प्रयास करना चाहिए। ध्यान से ही हमारी प्रगति हो सकती है। विक्रम विश्वविद्यालय को सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाएगा मुख्यमंत्री डॉ यादव ने विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में घोषणा की।
उच्च शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने कहा कि आज जिन विघार्थियों को दीक्षित किया जा रहा है वे सभी अपने ज्ञान का सदुपयोग समाज और देश की सेवा में करें। एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण करें। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश राज्य में सबसे पहले नवीन राष्ट्रीय शिक्षा निति लागू कि गई थी। मध्यप्रदेश शासन द्वारा निरन्तर शिक्षा निति को और प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किये जाने पर कार्य किया जा रहा है।